यूं न उम्र गुजारा करना इंतजार में।
हर आशिक को नहीं मिलती है मंजिल प्यार में ।।
उग आए गर फूल चांदी के सूखे चेहरे पे ।
सोच समझ कर भीगें फिर रिमझिमी फुहार में।।
दिल का तोहफा सोच समझ कर किसी को देना तुम ।
चुभन भयंकर होती है बिछुड़न के खार में ।
एहसास की बातों को यूं ही एहसास में रखना तुम ।
कह दोगे तो हो जाओगे बदनाम बेकार में ।।
खिजां का मौसम हंसकर यूं गुजार लिया करना ।
समय आएगा फूल खिलेंगे फिर बहार में ।।
मन की मुरादें दुनिया से नहीं पूरी होती हैं ।।
जो कुछ मांगो सब मिलता है उसके दरबार में ।।
कलम के सिपाहियों न तुम हथियारों से डरना ।
कलम से ज्यादा ताकत नहीं होती हथियार में।।
बेशक सब कुछ इस दुनिया में मिल भी जाये तो ।
फिर भी दिल तो रह जाता है बिछुड़े यार में ।।
सीख लो आशिक हो तो आंखों की भाषा पढ़ना ।
कभी कभी हां होती है प्रिय के इन्कार में ।।