दिलखुश जुगलबंदी- 17
हौसले का कद बढ़ाओ
हौसलों के पंख लगा कर उड़ो,
पर्वत की कलगी भी,
तुम्हारा स्वागत करने को तैयार है,
हौसलों की साँसें न टूटने दो,
हर मुकाम तुम्हारे लिए बेकरार है,
हौसले का कद बढ़ाओ,
हर कदम तुम्हारे लिए उपहार है,
हौसले की जीत को गले लगाओ,
यह जीत कर सकती जग का उपकार है.
हौसले का कद बढ़ाओ
हौसले का कद बढ़ाओ
जिंदगी में हों तूफान
फिर भी तुम न घबराओ
हौसले का कद बढ़ाओ
हौसले का कद बढ़ाओ
हों कितनी राह में अड़चनें
अंगद की भांति पैर जमाओ
हौसले का कद बढ़ाओ
हौसले का कद बढ़ाओ
चाहे दुःखों के हों हमले
मंज़िलों में बनें फासले
गगन के सूर्य की भांति
सदा ही आगे बढ़ते जाओ
हौसले का कद बढ़ाओ
हौसले का कद बढ़ाओ
धरती कांपे बिजली गरजे
कदम तुम्हारे कभी न ठिठकें
मुश्किलों से न घबराओ
हौसले का कद बढ़ाओ
हौसले का कद बढ़ाओ
रीत जगत की चाहे तोड़ो
किसी बहकावे में न आओ
हौसले का कद बढ़ाओ
हौसले का कद बढ़ाओ
मंज़िल खुद करीब आएगी
चरण रज तुम्हारी छुएगी
तुम किसी से न घबराओ
हौसले का कद बढ़ाओ
हौसले का कद बढ़ाओ.
हौसले का कद बढ़ने से
समंदर की लहरें रास्ता देंगी
पर्वत की चट्टानें हट जाएंगी
धरती की दुआएं तुम्हारा पथ प्रशस्त करेंगी
अंधियारों की घटाएं भी छंट जाएंगी
मंजिल खुद चलकर तुम्हारे पास आएगी
सूरज की किरणें आरती उतारेंगी
चंदा की चांदनी शीतलता बरसाएगी
तारों के सुमनों से यही सदा आएगी
हौसले का कद बढ़ाओ
हौसले का कद बढ़ाओ
खुद आगे बढ़ो दुनिया को आगे बढ़ाओ,
हौसले को रास्ता दिखाओ,
हौसले का कद बढ़ाओ
हौसले का कद बढ़ाओ.
पर्वत पर सागर (लघुकथा) के कामेंट्स में सुदर्शन खन्ना और लीला तिवानी की काव्यमय चैट पर आधारित दिलखुश जुगलबंदी.
सुदर्शन खन्ना का ब्लॉग
https://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/sudershan-navyug/
लीला तिवानी का ब्लॉग
https://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/rasleela/
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हौसला हमें राह दिखाता है,
हौसला नई सीख सिखाता है,
अगर कहीं हम भटक भी जाएं तो,
किसी नई राह की ईजाद भी कराता है.
हौसले का कद बढ़ने से ही हम आगे बढ़ते हैं,
सफलता की चोटी पर ऊंचे चढ़ते हैं,
पर्वत-सी बाधाएं भले ही हमारी राह को रोकें,
हम उनका मर्दन कर हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयां गढ़ते हैं.