बजट के बतोले
नहीं मिल सका आम जनता को कुछभी,
हमें बस सुनाये बजट के बतोले।
किया तेल महँगा भरी ज़ेब अपनी,
हमें कुछ न भाये बजट के बतोले।
बताये है शेयर का बाज़ार गिरकर,
तनिक भी न भाये बजट के बतोले।
— हमीद कानपुरी