कविता

सच और झूठ

मौत अभी बाकी है
क्यो कि इतिहास लिखना है
नये दौर का तस्वीर खीचना है,
सच कहने की हिम्मत नही है
आज कल झूठ ही सही है,
सच को गाली मिलता है
झूठ को ताली मिलता है
सच नजर छिपाये रहता है
झूठ सीनातान कर चलता है,
सच लिखने वाला व्यक्ति
मशाल लेकर ज्यो निकला
जलकर राख हो गया
किसी को कलम सें
कुचल दिया गया,
बस कुछ दिन हल्ला
फिर बात की बात हो गया।
— अभिषेक राज शर्मा

अभिषेक राज शर्मा

कवि अभिषेक राज शर्मा जौनपुर (उप्र०) मो. 8115130965 ईमेल [email protected] [email protected]