मुक्तक
दिल के जख्म जमाने को दिखाया नही करते हैं,
देखने के बहाने जख्मों को, लोग कुरेदा करते है|
जिसने जख्म दिये है वह, हमदर्दी की बात करें,
महफिल हो या तन्हाई जज्बात से खेला करते हैं|
— अ कीर्ति वर्धन
दिल के जख्म जमाने को दिखाया नही करते हैं,
देखने के बहाने जख्मों को, लोग कुरेदा करते है|
जिसने जख्म दिये है वह, हमदर्दी की बात करें,
महफिल हो या तन्हाई जज्बात से खेला करते हैं|
— अ कीर्ति वर्धन