व्यंग्य : ‘झूठेश्वर श्री सम्मान’ ट्रंप चचा के नाम
झूठे स्वर के धनी, अपने झूठे नामों और कारनामों को लेकर आये दिन विश्व स्तर पर अपनी किरकिरी कराने मे माहिर ट्रंप चचा फिर सुर्खियों में हैं। लेकिन इस बार उनकी हवा हवाई बयानबाजी उनके ही गले की फांस बन गई है। इस बयानबाजी से ट्रंप चचा की लोकप्रियता और विश्वसनीयता सेंसेक्स की तरह औंधे मुंह नीचे गिरी है।ट्रंप चचा द्वारा बोला गया झूठ का बेल इतना बड़ा था कि व्हाइट हाउस से ना निगला गया ना उगला गया।अंततः सफाई देनी पड़ गई।’चोर-चोर मौसेरे भाई’ यह कहावत काफी लोकप्रिय है जो कि तब चरितार्थ हुई जब ट्रंप चचा और इमरान खान आपस में मिले।अपने छोटे भाई इमरान को पाकर ट्रंप चचा जज्बाती हो गए। भावावेश में बहकर ट्रंप चचा कश्मीर मुद्दे पर मीडिएटर बनने की बात कही(जबकि अमेरिका और ईरान के आपसी मतभेद का मामला मुंह बाए खड़ा है)मैं ने तो सोचा था कि “झूठेश्वर श्री सम्मान”हमारे देश वाले(फेंकू) को मिलेगा लेकिन झूठ बोलने के मामले में ट्रंप चचा ने हमारे वाले(फेंकू)को भी पीछे छोड़ दिया है।वहीं अमेरिका की मीडिया ने दावा किया है कि ट्रंप चचा हजारों ही नहीं अपितु लाखों झूठ बोल चुके हैं। लेकिन इमरान से मुलाकात के समय प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जो झूठ ट्रंप चचा ने बोला वो अब तक सबसे बड़ा झूठ था। अब तो हमें पूरा भरोसा हो गया है कि आने वाले समय पर अमेरिका के स्कूल,कालेज में “ट्रंप चचा के झूठ” नाम की पुस्तकें अनिवार्य होंगी। शोधार्थी ट्रंप चचा पर शोध करेंगे कि आखिर ऐसी कौन सी दिव्य शक्ति ट्रंप चचा के अंदर विराजमान है जो चचा को बिना ओर छोर देखे झूठ बोलने के लिए प्रेरित करती है।
अमेरिकी बच्चों को उनके शिक्षकों द्वारा यह बताया जाएगा कि जो जितना झूठ बोल पाएगा वो उतनी ही शीघ्रता से ट्रंप चचा की तरह विद्वान कहलाएगा। विद्वता का परिचय बाहरी चमक-दमक से नहीं अपितु व्यक्ति के उस तेज से है जो झूठ बोलने से आता है।वो समय दूर नहीं जब हमारे भारत देश के बहु लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” की ही तरह अमेरिका में परम असत्यवादी “ट्रंप चचा के झूठ” नामक कार्यक्रम रेडियो वा टीवी पर प्रसारित करके अमेरिकी लोगों को झूठ पर झूठ बोलने के लिए प्रेरित किया जाएगा।’सत्यमेव जयते’ जैसे जुमले से अमेरिका के आम नागरिकों को दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाएगी जो कि ट्रंप चचा की तरह झूठानंद बनने में सहायक सिद्ध होगी। ‘सच्चे का मुंह काला झूठे का बोलबाला’ अमेरिकी नागरिकों में असीम ऊर्जा का संचार करने वाली यह पंक्तियाँ अमेरिकी दीवारों पर लिखी जाएंगी। जो अमेरिकी नागरिक सच बोलेगा या बोलने की कोशिश करेगा उसे यथा शीघ्र पागल घोषित कर के पागलखाने भेज दिया जाएगा।अमेरिकी अदालतों पर यह शपथ भी दिलाई जाएगी कि मैं जो कहूंगा झूठ कहूंगा झूठ के सिवा कुछ ना कहूंगा। मैं ने तो अपनी तरफ से ‘झूठेश्वर श्री सम्मान’ के लिए ट्रंप चचा का नाम प्रस्तावित कर दिया है। ट्रंप चचा के झूठ बोलने का समय अभी अच्छा चल रहा है इसी झूठ के बलबूते पर वो अभी अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण और ओहदेदार पद पर हैं।लेकिन समय कभी किसी एक गुलाम बनकर नही रहा है।।
ट्रंप बली नहीं होत है
समय होत बलवान
तेरी हां मे हां कर रहा
वो लुच्चा इमरान।
— आशीष तिवारी निर्मल