गीतिका/ग़ज़ल

गजल

मेरी कश्ती का अब तू भी सहारा हो न पायेगा,
कभी मझधार दरिया का किनारा हो न पायेगा।

कहीं पतवार जो टूटी …तो नैया डूब जाएगी
खुदा करना जरा रहमत उतारा हो न पायेगा।

मिले जन्नत अगर मुझको नहीं जाना वहाँ बस यूँ
मेरी माँ के तो चरणों सेे वो प्यारा हो न पायेगा।

करो कोशिश मगर जितनी नहीं मिलती कभी चाहत,
ये शय है वो जिसे हासिल बिचारा हो न पायेगा।

मुकद्दर साथ चलती है कभी महसूस कर लेना,
बिना कोशिश तू किस्मत का सितारा हो न पायेगा।

जलाए जा दिये की लौ न रख सूनी कभी दर को,
बिना चिंगारियों के तू ….शरारा हो न पायेगा।

सीमा शर्मा सरोज 

सीमा शर्मा सरोज

आयु - 43 वर्षीय जन्मतिथि - 19 जनवरी 1972 पता - द्वारा श्री कन्हैया लाल जमशेदपुर झारखंड . शिक्षा - स्नात्तक " हिन्दी " आॅनर्स स्नात्तकोत्तर हिंदी (अपूर्ण् ) (इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से) रूचि - आर्ट (पेंटिंग ), कढा़ई ,और पढना -लिखना । लेखन की विधा - निबंध ,कविता ,ग़जल ,मुक्तक आदि। लेखन की शुरूआत - वर्ष् 1991 ई०. निबंध प्रतियोगिता में 1000/₹ का पुरस्कार चेक डा0.जा़किर हुसैन एजुकेशन फाउंडेशन कमिटी से प्राप्त । स्थानीय आकाशवाणी जमशेदपुर (All india radio ,jsr,) से प्रसारित कार्यक्रम "युववाणी " में स्वरचित काव्यपाठ एवं गोष्ठियों में काव्य रचना वाचन । प्रकाशित पुस्तक - "काव्यलोक "द्वारा साझा संगग्रह ( काव्यलोक ९१ ) जिसमें नगर के तमाम साहित्यिकारों की कृतियों संग मेरी भी तीन काव्य रचनाएँ शामिल । पत्रिकाएँ जिनमें मेरी रचनाएँ प्रकाशित हुई ----- * क्रांतिमन्यू * मेरठ से * धालभूम एक्सप्रेस* घाटशिला से * सरस्वती सुमन" * देहरादून से * निर्भिक संदेश *जमशेदपुर से * मंगलदीप * मांटूंगा मुंबई से * जनसत्ता मुंबई में परिचय । फेसबुक पर उडा़न , अल्फाज़ एवं काव्योदय के पटल पर रचनाएँ प्रकाशित