लघुकथा – सभ्य समाज का सभ्य रैकेट
महिला मोर्चा संगठन नाम तो बडा सशक्त और कवर पिक भी स्टेज पर सम्मान लेती महिलायें ..इस नाम से रिक्वेस्ट आती है रूचिका को ..देखती है उसमें बहुत सी म्युचुअल फ्ररेन्ड एड थी वह फ्ररेन्ड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लेती है । अगले दिन से इस महिला के अश्लील मैसैजस आने शुरू हो जाते है ,यहाँ तक की आफर भी मिलने शुरू हो जाते है …घबरा गई रूचिका तुरन्त ब्लाक किया उसे ।।
बात आई गई हो गई ..लेकिन वह नजर में आ चुकी थी इन लोगों की । फिर एक दिन किसी महिला मित्र ने उसको महिलाओं वाले समूह से जोड दिया , उसमे सभी महिलायें थी जो बडे बडे घरानो की , दौलतमंद , हाई स्टेटस बाली थी ।
आये दिन इस समूह में पिक्स मांगने का आयोजन होता जिसमें सभी बडचढकर भाग लेती , रूचिका भी लेती ।
इसी समूह की एक सदस्य का मैसैज आता है …. फिर बही आफर ….रूचिका ने शिकायत भी की पर समूह से नकारात्मक जबाब आया …समझते देर न लगी …कहाँ के तार कहां से जुडे है .. एक बार सोचा इनके स्क्रीन शाट लगा दे लेकिन जिस आई डी से मैसैजस आये उनकी अपनी कोई असली पहचान है ही नही …कीचड़ उछालने पर अपने मुंह पर ही गिरेगा ….
अपनी लिस्ट में पहुंचे हुये लोग एड करके शान बढाने के रौब में अपनी पहचान नही खोना चाहती थी रूचिका ।आनन फानन में उसने उन सभी महिलाऔ को भी ब्लाक कर दिया जो हकीकत मे असलियत से अनजान थी ।।
गेंहू और घुन पिसेगे तो साथ ही न ..भगवान जाने ये अनजान नर हैं या मादा । इस तरह कुछ खोकर बहुत कुछ बचा लिया रूचिका ने ।।
बात आई गई हो गई ..लेकिन वह नजर में आ चुकी थी इन लोगों की । फिर एक दिन किसी महिला मित्र ने उसको महिलाओं वाले समूह से जोड दिया , उसमे सभी महिलायें थी जो बडे बडे घरानो की , दौलतमंद , हाई स्टेटस बाली थी ।
आये दिन इस समूह में पिक्स मांगने का आयोजन होता जिसमें सभी बडचढकर भाग लेती , रूचिका भी लेती ।
इसी समूह की एक सदस्य का मैसैज आता है …. फिर बही आफर ….रूचिका ने शिकायत भी की पर समूह से नकारात्मक जबाब आया …समझते देर न लगी …कहाँ के तार कहां से जुडे है .. एक बार सोचा इनके स्क्रीन शाट लगा दे लेकिन जिस आई डी से मैसैजस आये उनकी अपनी कोई असली पहचान है ही नही …कीचड़ उछालने पर अपने मुंह पर ही गिरेगा ….
अपनी लिस्ट में पहुंचे हुये लोग एड करके शान बढाने के रौब में अपनी पहचान नही खोना चाहती थी रूचिका ।आनन फानन में उसने उन सभी महिलाऔ को भी ब्लाक कर दिया जो हकीकत मे असलियत से अनजान थी ।।
गेंहू और घुन पिसेगे तो साथ ही न ..भगवान जाने ये अनजान नर हैं या मादा । इस तरह कुछ खोकर बहुत कुछ बचा लिया रूचिका ने ।।
#रजनी चतुर्वेदी (विलगैयां)