भजन/भावगीत

सावन और भोले को समर्पित दो भजन

भजन-1

आया सावन का महीना लगा नाचने मन का मोर   22.7.19
कांवड़िया कांवड़ ले आए, धूम मची चहुं ओर- आया सावन का—–
1.सावन में भोले की महिमा, हम सब मिलकर गाते
सोमवार भोले का दिन है, भोले को खूब मनाते
धरती-अंबर-सागर भीगे, भीगा नदिया का कोर- आया सावन का—–
2.सावन की बरखा में झूले, अमराई में पड़ते
सब मिल झूला झूल-झूलकर, नाचके हर्षित रहते
सखियां नाचें, राधा नाचे, नाचें नंदकिशोर- आया सावन का—–
3.हरिद्वार से गंगाजल ले, कांवड़िया हैं आते
झूम-झूमकर गंगाजल से, भोले को नहलाते
दर्शन देते भोले बाबा, होकर भाव-विभोर- आया सावन का—–

 

भजन-2

अभिषेक रुद्र का हो रहा री, आओ मंगल गीत तो गाओ री सखी   24.7.19
अंगना में आनंद हो रहा री, आओ मंगल गीत तो गाओ री सखी-
1.शिव रुद्र रूप में आए हैं
हमें मंगल दरश दिखाए हैं
उनके नाम का सिमरन कर लो सखी, आओ मंगल गीत तो गाओ री सखी-
2.शिव सबके कष्ट मिटाते हैं
अज्ञान-अंधेरा हटाते हैं
उस ज्ञान-गंगा में नहालो सखी, आओ मंगल गीत तो गाओ री सखी-
3.शिव के बांएं गौरां सोहे
और गोद में गणपत लाला है
उनका पूजन तो कर लो सखी, आओ मंगल गीत तो गाओ री सखी-
4.जटाशंकर-शिवशंकर भोले
शेखर-शशिभूषण शिव भोले
किसी नाम का सिमरन कर लो सखी, आओ मंगल गीत तो गाओ री सखी-
5.ऐसा शुभ अवसर मत खोना
शिव-नाम-मगन हरदम होना
देखो शिव भी तुन्हें याद करते सखी, आओ मंगल गीत तो गाओ री सखी-

(तर्ज़- मेरे मुख से सदा तेरा नाम निकले, हर घड़ी हर पल सुबह-शाम निकले——)

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “सावन और भोले को समर्पित दो भजन

  • लीला तिवानी

    भजन-3
    जय भोले, जय भोले, जय भोले, कांवड़िया बोलें जय भोले 31.7.19
    कांवड़िया बोलें जय भोले, कांवड़िया बोलें जय भोले- जय भोले, जय भोले——–
    1.कांवड़िया चलते ले कांधे पर कांवड़
    गंगा-जल से भर लाते वे गागर
    जय भोले, जय भोले, जय भोले, कांवड़िया बोलें जय भोले-
    2.पांवों में कांवड़िया के छाले हो जाते
    फिर भी तनिक न वे घबराते
    जय भोले, जय भोले, जय भोले, कांवड़िया बोलें जय भोले-
    3.सावन शिव जी को अति प्यारा
    आनंद की वे बहाते धारा
    जय भोले, जय भोले, जय भोले, कांवड़िया बोलें जय भोले-
    4.कांवड़ियों का ध्यान जो रखते
    शिव जी उन पर कृपा करते
    जय भोले, जय भोले, जय भोले, कांवड़िया बोलें जय भोले-

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