कविता

वो मस्त दिन…

तेरे ख्यालों में…
गुजरने लगे हैं
रात और दिन
तू पास हो न हो, तू संग मेरे रहता है !!

तेरे दीदार को…
तरसने लगे हैं
शामों – सहर
तेरे इंतजार में, आँखों से मोती बहता है !!

लेते हैं करवटें…
ये सोच
तुम्हें न सोचेंगे
पर तेरी यादों का, बक्सा खुला ही रहता है !!

वो मस्त दिन…
अब वापस
हमें मिलें न मिलें
तू मनाता है रोज, और दिल फिर से दुखा देता है !!

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed