गीत – राँडे हरियाणा कै
राँडे हरियाणा कै बहोत खुशी मना रे,
बहु कश्मीर तै ल्यावांगे प्लान बना रे।
जीत देखै ओड़े राँडा कै टोल कै टोल बैठे सँ,
370 हटण की खुशी म्ह बोतल खोल बैठे सँ,
पी कै दो पेग लोगाँ नै बहोत घणे तना रे।
एक रांडा न्यू बोल्या मैं तो रहूंगा घर जमाई,
सेब के बागां म्ह रहूंगा आपणी खाट बिछाई,
बाकी उसनै घर जमाई कै दोष गिना रे।
एक बोल्या मैं ओड़े जा होटल प होटल खोलूंगा,
कुछ हो जाइयो आड़े ज्यूँ ना पाँ भिड़ाता डोलूंगा,
बैठे बैठे सारे रांडे वे हवाई महल चीना रे।
कश्मीरी साले कोथली म्ह सेब, अखरोट ल्यावैंगे,
जब जावांगे कश्मीर म्ह वे होक्के भर भर प्यावैंगे,
“सुलक्षणा” की कविता पढ़ेगा ओड़े जना जना रे।
— डॉ सुलक्षणा