दर्द
दर्द ही दर्द है जिंदगी ऐ हमसफर ,
एक बार मेरे दिल में भी झांका होता ।
भूल जाते मुझे कहना बेबफा ,
गर दर्द को मेरे यूँ समझा होता ।
….
दो कदम साथ चलकर
कब मिलती है जिंदगी ,
जिंदगी को ….भुलाकर
रूठ जाती हैं जिंदगी ।
आँसूं देकर …दूसरों को
कब मुस्कराती है जिंदगी ।
फैसले हो या फासले ,
टूट जाती है जिंदगी ।
तोड़ देते हैं दिल का सुकून
शक से बिखर जाती है जिंदगी ।
भुलाकर दिल का चैन ओ करार
जिस्म के साये में कब
ठहर पाती है जिंदगी ।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़