चैंपियन: सुषमा स्वराज
चैंपियन शब्द हम बचपन से सुनते आए हैं और अनेक बार हमें भी चैंपियन की उपाधि मिली है, लेकिन चैंपियन की परिभाषा पर ध्यान देने का कभी विचार ही नहीं आया.
बात सही भी है, हर बात या काम का एक नियत समय होता है. शायद अब चैंपियन की परिभाषा पर विचार करने का समय आ गया है.
अभी हाल ही में 6 अगस्त, 2019 को अकस्मात सुषमा स्वराज के देहावसान का समाचार सुनकर पूरा देश शोक में डूब गया. देश ही नहीं विदेश में भी इस समाचार से शोक की लहर दौड़ गयी. सबने अपनी-अपनी तरह से उनको श्रद्धांजलि अर्पित की. किसी ने लिखा-
”भारत-पुत्री सुषमा स्वराज जी के आकस्मिक निधन पर सम्पूर्ण देश विदेश में शोक की लहर दौड़ गयी है. वे जिस पद पर भी रहीं उसे अपने कर्मों से सुशोभित किया और देश के लिए विकास का मार्ग प्रशस्त किया.”
किसी ने लिखा-
”सुषमा जी में किसी को भी अपनी माताजी या बहन की छवि दिखाई दे सकती है. उनकी वेशभूषा, बोलने की शैली, शब्दों का चयन सभी एक आदर्श भारतीय नारी का प्रतीक हैं और रहेंगे..”
सच ही तो है सुषमा जी में किसी को भी अपनी माताजी या बहन की छवि दिखाई दे सकती है. उनके व्यक्तित्व की गरिमा का ही प्रताप है कि सुषमा स्वराज के निधन पर इवांका ट्रंप ने जताया शोक, बताया ‘चैंपियन’.
चैंपियन का अर्थ होता है- विजेता, सर्वजेता, सेनानी, अधिवक्ता.
सुषमा स्वराज के ये सभी स्वरूप ही तो सटीक रहे. वे चाहे दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं या फिर विदेश मंत्री, उन्होंने अपनी एक खूबसूरत छवि विकसित की. विदेश मंत्री रहते हुए, उन्होंने एक छोटे-से ट्विट पर हर देशी-विदेशी की दिल से भरपूर मदद की और हर जगह कामयाबी भी पाई. उन्होंने देश के लिए विकास का मार्ग प्रशस्त किया और अभूतपूर्व निर्णय लिए, जिनकी विश्वभर में सराहना हुई.
विपक्ष की ओर से भी कभी किसी ने उनके व्यक्तित्व पर कोई नकारात्मक बात सुनने को नहीं मिली. इस तरह चैंपियन की परिभाषा पर सुषमा स्वराज पूरी तरह से खरी उतरीं. उनके निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है. इस दुखद अवसर पर हम दिवंगत आत्मा के प्रति भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. संघर्ष में रत रहते हुए एकजुटता को नई दिशा देने वाली चैंपियन सुषमा स्वराज को हमारा शत-शत कोटि नमन.
चलते-चलते
सुषमा स्वराज का अंतिम ट्वीट-
”प्रधान मंत्री जी – आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी.”
उनके इस अंतिम ट्वीट के शब्दों ने उनके समर्थकों और प्रशंसकों को दुख के साथ झकझोरकर रख दिया. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर सरकार की प्रशंसा में यह उनका दूसरा ट्वीट था. सोमवार को राज्यसभा में संबंधित संकल्प और विधेयक पारित होने पर उन्होंने ट्वीट किया था, ”मैं गृह मंत्री श्री अमित शाह जी को बधाई देती हूं, राज्यसभा में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए.”
सुषमा स्वराज का सियासी सफर:
1970 में उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की।
1977-82 और 1987-89 तक वह हरियाणा विधानसभा की सदस्य निर्वाचित हुईं।
1990 में राज्यसभा सदस्य बनीं।
1996 और 1998 में दक्षिण दिल्ली से लोकसभा सांसद बनी।
1998 में दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी।
1999 में भाजपा ने उन्हें सोनिया गांधी के खिलाफ बेल्लारी से उतारा, जिसमें सात फीसदी मतों से हार मिली।
2000 से 2003 तक केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहीं।
2003 से 2004 तक स्वास्थ्य मंत्री का कार्यभार संभाला। उनके स्वास्थ्य मंत्री रहते केंद्र ने छह नए एम्स को हरी झंडी दी।
2014 में उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया।