कविता

मां की ममता

मां की कोख हमें,
दुनिया के गुण सिखाती है।
मां की लोरी हमे,
प्यारी नींद सुलाती है।
मां अपने कदमों से हमें
चलना सिखाती है।
मां ममता की मूरत है,
हमें प्यार करना सिखाती है।
मां की हर बात निराली है,
हमें वो बोलना सिखाती है।
हमारी आंखों में आंसू आते हैं,
हमें हंसना सिखाती है।
जीवन में जो भी दुख दर्द आये,
हमें उनसे लड़ना सिखाती है।
जीवन के हर मोड़ पर गर मां न मिले,
तो उसकी कमी खलती है।
मां हमको जीना सिखाती है,
तूफानों से लडना सिखाती है।
मां हमें हर बात का अहसास कराती है,
मां फूलों की तरह हंसना सिखाती है।
मां महान होती है,
ममता की खान होती है।।
गरिमा

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384