कवितापद्य साहित्य

गुरू

गुरु , प्रतीक है , तप का , नैतिकता का , ज्ञान का
गुरु , विश्वास है , विजय का , सफलता , समाधान का

गुरु , मां सी ममता है , पिता का अनुशासन है
गुरू , मित्र सा सहारा है , भाई का सुभाषण है

गुरू , शिक्षा है , कौशल है , नीति है , संस्कार है
गुरू , तिमिर के बंदी पर सुरज का उपकार है

गुरू , जेठ की दुपहरी में बरगद की छांव हैं
गुरू , साधना की पगडंडी पर , साहस के पांव हैं

गुरू , शिवाजी है , गांधी है , सचिन है , कलाम है
जो करे मिट्टी को सोना , उस गुरु को मेरा प्रणाम है
शत् शत् प्रणाम है , बारम्बार प्रणाम है