कविता

और सुनाओ दुनिया वालो

निज आँचल में फूल सँजोके
पर-पथ कांटो से भर डालो
और सुनाओ दुनिया वालों ।
सुनने को दो कान मिले है
मन में आए वो कह डालो
और सुनाओ दुनिया वालों ।
सहनशक्ति कितनी मत देखो
चाहोे जितना आजमा लो
और सुनाओ दुनिया वालों ।
पत्थर चेहरे और पत्थर दिल
पत्थर जितने चाहे उछालो
और सुनाओ दुनिया वालों ।
पीड़ा की मरहम मत पूछो
आओ थोड़ा नमक लगालो
और सुनाओ दुनिया वालों ।
एकदिन सबका ही आता है
तब तक तुम भी शुक्र मनालो
और सुनाओ दुनिया वालों ।
समय फेर का खेल है सारा
अपनी जिह्वा जरा सम्भालो
और सुनाओ दुनिया वालों ।
— नीतू शर्मा

नीतू शर्मा 'मधुजा'

नाम-नीतू शर्मा पिता-श्यामसुन्दर शर्मा जन्म दिनांक- 02-07-1992 शिक्षा-एम ए संस्कृत, बी एड. स्थान-जैतारण (पाली) राजस्थान संपर्क- [email protected]