फिर सदाबहार काव्यालय- 36
इंद्रेश उनियाल का प्रथम प्रयास – तीन बाल गीत
1.महक-चहक
फूल महक रहे बगिया में,
पक्षी चहकें घर-आंगन में,
फाग महीना जब भी आता
होली का हुल्लड़ दिखलाता,
ऋतु बंसत जब आती है,
कोयल राग सुनाती है,
अमराई में झूले पड़ते,
मीठे आम खिलाती है.
सावन आया भादों आया,
हरियाली भर-भर लाया,
माघ-पूस जब आएंगे,
ठंड से हमें कंपाएंगे.
इंद्रेश उनियाल
2.बचाओ जंगल, मनाओ मंगल.
भालू मामा जब भी आते,
ठुमक-ठुमककर नाच दिखाते,
बाघ-बघेरे जब गुर्राएं,
हाथी-हिरण सभी थर्राएं,
ये तो हैं जंगल की बातें,
अब तो हैं कंकरीट के जंगल,
पर्यावरण-सुधार जो चाहो,
बचाओ जंगल, मनाओ मंगल.
इंद्रेश उनियाल
3.बिल्ली-चूहा
बिल्ली बोले म्याऊँ-म्याऊँ,
चूहा कहे, ”कहाँ छुप जाऊँ?”
बिल्ली बोली, ”छुप न सकोगे,
अब तो मेरा भोज्य बनोगे.”
”तुम क्या जानो मुझे पकड़ना,
इतना भी आसान नहीं है,
यह लो मैं तो दौड़ा-भागा”,
बिल्ली न समझी पीछा-आगा.
इंद्रेश उनियाल
संक्षिप्त परिचय
एक पब्लिक सेक्टर से सेवानिवृत अधिकारी, बचपन से ही पढ़ने का शौक. राजनीति, खेल, भूगोल, इतिहास, साहित्य, आर्थिक गतिविधियों पर तथा पर्यावरण संरक्षण में रुचि. पहले फुटबाल, हाकी और क्रिकेट खेलता था अब शतरंज खेलता हूँ. विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए जमीनी स्तर पर कार्य किया. विभिन्न भाषाओं में साहित्य पढ़ने का शौक. पिताजी के अथक प्यार और मार्गदर्शन ने साहसी बना दिया और माताजी की ममता और दक्षता ने व्यावहारिक बनने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उनको नमन करते हुए मैं उनका हार्दिक आभारी हूं.
स्वयं के जीवन में घटी घटनाओं, आसपास जो देखता हूँ सुनता हूँ, जो पढ़ता हूँ, जीवन के खट्टे मीठे अनुभवों से मुझे जो कुछ भी प्रेरणा जिस किसी से मिलती है, उसी को अपने शब्दों मे बयान करने की कोशिश करता हूँ.
आज से दस दिन का गणपति उत्सव शुरु हो रहा है. सबको गणपति उत्सव की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ इस अवसर पर प्रस्तुत है हमारा एक बाल गीत-
हे गणपति गणदेव गजानन
हे गणपति गणदेव गजानन,
मेरे घर भी आ जाओ,
सुनते हैं तेरा उत्सव है,
मुझको भी हर्षा जाओ.
तुमको लड्डू बहुत हैं भाते,
लड्डू खूब खिलाऊंगा,
वाहन चूहे को भी लाना,
उसको पनीर खिलाऊंगा.
लीला तिवानी
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इंद्रेश भाई, आपने हमारे अनुरोध पर बाल गीत लिखने का प्रयास किया, यह हनें बहुत अच्छा लगा. आज आपके बाल गीतों को फिर सदाबहार काव्यालय- 36 के रूप में प्रस्तुत करते हुए हमें अत्यंत हर्ष हो रहा है. आप इसी तरह अभ्यास जारी रखिए, यही हमारी शुभकामना है.
आज से दस दिन का गणपति उत्सव शुरु हो रहा है. आप सभीको गणपति उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं.