कविता

गुरुजी (कविता)

अज्ञानता दूर करके गुरुजी ने,
ज्ञान की ज्योती जलाया है ।
गुरु जी के चरणों में रहकर,
हमने सब शिक्षा पाया है ।
गलत राह पर भटके जब हम,
गुरुजी ने ही राह दिखाया है ।
सत्य मार्ग पर चलने को,
गुरुजी ने दिशा दिखाया है ।
गुरुजी का आदर करके,
हमने आशीर्वाद पाया है ।
क्या है दुनिया, कैसी है दुनिया?
गुरुजी ने हमें बताया है ।
असाक्षरता के अंधरे में,
गुरुजी ने शिक्षा का दीप जलाया है ।
पढ़-लिखकर क्या करें हम,
गुरुजी ने यह भी हमें बताया है ।
इस भरी-पूरी दुनिया का,
गुरुजी ने महत्व समझाया है ।
बीच धार से बाहर निकलना,
गुरुजी ने हमें सिखाया है ।
मुश्किलों के सामने डटना,
गुरुजी ने यह भी हमें बताया है ।
लाख मुसीबतों में डट कर खड़े रहना,
गुरुजी ने हमें सिखाया है ।
हमेशा बड़ों की आदर करना,
गुरुजी ने हमें सिखाया है ।
हमें आगे बढ़ने का रास्ता,
गुरुजी ने ही दिखाया है ।
सबको ज्ञान बाँटते रहना,
गुरुजी ने हमें बताया है ।
हर कठिनाई को आसान बनाना,
गुरुजी ने हमें सिखाया है ।
सौरभ कुमार ठाकुर

सौरभ कुमार ठाकुर

बाल कवि & लेखक ग्राम- रतनपुरा, डाकघर-गिद्धा, थाना-सरैया, जिला-मुजफ्फरपुर, राज्य-बिहार, पिन कोड- 843106, देश-भारत मो0- 8800416537