कविता

समाचार पत्र (कविता) – मैं कौन हूँ

सुबह सवेरे अपनी तकदीर पर रश्क करता हूँ
शाम होते ही पूराने साथियों तक पहुंच जाता हूँ
चंद घंटों के सफर में हर दिल अज़ीज बन जाता हूँ।
राजा से लेकर रंक तक की खबर रखते हुए भी
अगले दिन रद्दी के भाव बिक जाता हूँ।
रोज जन्म लेता हूँ सबके काम मैं आता हूँ।
कभी कपड़ों से लिपट कर खुद पर ही इतराता हूँ।
कभी गरीबों की झोपड़ी में बिस्तर भी बन जाता हूँ।
मैं पुराना होते ही हर दिन बेमौत मर जाता हूँ।
कभी अवार्ड के क़िस्से कभी दंगे भड़काता हूँ।
महफिलों की शान बन नये इतिहास बनाता हूँ।
संचेतना जगाता हूँ फिर भी कुछ नहीं कर पाता हूँ।
सुबह सवेरे सबकी पहली पसंद बन खूब इतराता हूँ
शाम होने से पहले कटते फटते कोने में सो जाता हूँ।
मैं हूँ एक पत्रिका भरपूर मनोरंजन
करते हुए सामाजिक सरोकार का पैरोकार बन जाता हूँ ।
देश राजनीति कला साहित्य सबमें अभिरूचि जगाता हूँ ।
हाँ कभी कभी अपनी किस्मत पर इठलाता हूँ।
आरती राय

*आरती राय

शैक्षणिक योग्यता--गृहणी जन्मतिथि - 11दिसंबर लेखन की विधाएँ - लघुकथा, कहानियाँ ,कवितायें प्रकाशित पुस्तकें - लघुत्तम महत्तम...लघुकथा संकलन . प्रकाशित दर्पण कथा संग्रह पुरस्कार/सम्मान - आकाशवाणी दरभंगा से कहानी का प्रसारण डाक का सम्पूर्ण पता - आरती राय कृष्णा पूरी .बरहेता रोड . लहेरियासराय जेल के पास जिला ...दरभंगा बिहार . Mo-9430350863 . ईमेल - arti.roy1112@gmail.com