मुक्तक/दोहा

चंद्रयान अभियान के संदर्भ में – हम होंगे कामयाब

किंचित नहीं पराजय अपनी,हम पहुंचे आकाश ।
जीतेंगे हम इक दिन पूरे,है मन में विश्वास ।।

नहीं निराशा,केवल आशा,साहस का है साथ ।
हम तो मक़सद पा ही लेंगे,होगी मंज़िल हाथ ।।

हम में दृढ़ता,मौलिकता है,आर्यभट्ट के लाल ।
कामयाब होना तो तय है,बस थोड़ा -सा काल ।।

इसरो में सचमुच में दम है,देख रहा संसार ।
विक्रम साराभाई जैसों,ने सौंपा यह सार ।

सिवन की प्रतिभा उच्च है,है हमको अभिमान ।
उनके कारण ही बढ़ी, ‘शरद’ हमारी शान ।।

हमने वह कर ही लिया,जो नित रखे महत्व ।
चंद्रयान अभियान में,हैं उपयोगी तत्व ।।

हमको आंको मत अभी,हमको बढ़ना नित्य ।
हम तो तारे-चांद क्या,नापेंगे आदित्य ।।

हम खोजी,हम तीव्रतम,हम साहस के पूत ।
हमको रचना है नवल,बन कर्मठ दूत ।।

दुनिया को दिखला दिया,भारत क्या है चीज़ ।
भले ‘शरद’ होती रहे,किसी मुल्क़ को खीज ।।

गूंज रहा है विश्व में,अब भारत का नाम ।
करता है हर एक अब,झुककर हमें सलाम ।।

प्रो. शरद नारायण खरे

*प्रो. शरद नारायण खरे

प्राध्यापक व अध्यक्ष इतिहास विभाग शासकीय जे.एम.सी. महिला महाविद्यालय मंडला (म.प्र.)-481661 (मो. 9435484382 / 7049456500) ई-मेल[email protected]