देवनागिरी लिपि हमारी,
सुंदर सुरभित गीत लिखें ।
मातृभूमि शृंगार है हिन्दी,
हम हिंदी में जीत लिखें ।।
अलख जगादें देश में अपने,
सँस्कृति अपनी महान ।
आज करे शुरुआत नई ,
हिन्दी हस्ताक्षर अभियान ।।
इतनी शक्ति देना दाता ,
बने सभी हम सच्चे नेक ।
ईश्वर दे सद्बुद्धि सबको,
हों सब भारतवासी एक ।।
उन्नति करता रहे देश यह,
हो जाए जग में नाम।
ऊंचा मस्तक शिखर हिमालय,
तिरंगा को प्रणाम ।।
एक रहें सब भारत वासी,
हिन्दी बने देश की शान ।
ऐसा दिन आ जाये फिर से,
बढ़े विश्वगुरु का मान ।।
ओंकार की शक्ति समेटे,
हिंदी अनुपम अक्षर ज्ञान ।
औरत है हर शक्ति शालिनी,
हर पुरुष है वीर जवान ।।
हिन्दी मन की मधुरिम भाषा,
छंद- छंद संगीत लिखें।
तार हृदय के झंकृत कर दे,
धड़कन- धड़कन प्रीत लिखें ।।
— रागिनी स्वर्णकार (शर्मा)