कविता

सुबह का सौंदर्य

है सुबह सुंदर सुहानी  मिट गया तम है। शीतला -सुरभित हवा के संग मौसम है।। भर रहा उर -ओज यह रतनार दिनकर है। है धरा -धानी ,शिखर का दृश्य मनहर है।। पंछियों का स्वर- मधुर मन को लुभाता है। कौन जो यह घट लिए जीवन लुटाता है।। कौन आकर फूल को नित रंग देता है। […]

मुक्तक/दोहा

दोहे

मैं नदिया के तट खड़ी,लिये नयन में नीर। नदिया बोली मैं कहूँ,किससे अपनी पीर।। पथ पथरीला है कठिन,करती नदिया पार। सागर से मिलने चली,प्रेम नहीं व्यापार।। लहर ,लहर से कह रही,किस से करें गुहार। सागर ऐसा बावरा,समझे ना री प्यार।। हूँ मैं सीप समुंद की,हृदय बसी है प्यास। प्रेम प्रतीक्षा है प्रबल,स्वाति बूँद की आस […]

गीत/नवगीत

नवगीत

अलकों के साये में आओ, परिवर्तित हो तपन छाँव में।। पुलकित पलकों के सपने तुम, तुम ही नयनों की मधुराई। चुड़ी का है मधुर निमंत्रण, नथुनी देख तुम्हें इतराई।। क्या समझें ‘वो’प्यार की भाषा जिसके छाले नहीं पाँव में। कैसे चलते पगडंडी पर, कैसा काँटा ,चुभन है कैसी। क्या होता है इंतजार में, धड़कन की […]

गीतिका/ग़ज़ल

हमने तुमसे जनाब पूछा है

हमने तुम से जनाब पूछा है। देखते क्या हो ख़्वाब पूछा है।। आज वो आए मेरी महफ़िल में। बढ़ के दूँ क्या गुलाब पूछा है।। जब से रहते हो मेरे दिल में तुम । ज़ीस्त का हर हिसाब पूछा है।। जिसके हर वर्क पर हूँ मैं चस्पा। कैसी है वो किताब पूछा है।। कब से […]

कुण्डली/छंद

घनाक्षरी

कली -कली खुली है, थिरक उठा मन मोर, मधुमास मन्द-मन्द महुआ महकाए है। फूला -फूला कचनार, बरसा रहा है प्यार, प्रेम का परस तन-मन बहकाए है। पवन नहाये गन्ध, अंग-अंग है अनंग, मादक है रस आम्र मंजरी लुटाए है। चढ़ा रहा प्रेम रंग, केशर की क्यारी सँग  कुहुक-कुहुक पिक सुर सरसाए है। — रागिनी स्वर्णकार […]

कविता

हम और तुम

तुम और मैं..! सुरमई शाम संग झुरमुटों के सानिध्य में, करते प्रेमालाप, खोये थे .. अपनी प्यारी खूबसूरत प्रेमिल स्वप्न नगरी में..! सन्ध्या का मख़मूरी आँचल, उस साँझ … धीरे -धीरे ,लहराते मादक और खूबसूरत पलों की सृष्टि कर रहा था..! समीप कल -कल सरिता, मन्द पवन और हम -तुम..! मौन रहकर भी, कह रहे […]

कविता

प्रीत ही हूँ गुनगुनाती

हो रही प्रिय मिलन आतुर , लिख रही हूँ प्रणय पाती  । प्रीत – पथ अनुगामिनी मैं , प्रीत ही हूँ गुनगुनाती ।। स्वर मुखर होने लगे हैं, साधना देती निमंत्रण । सुधि -सुमन महके हुए हैं, कर गयी पीड़ा पलायन ।। गीत लिखती भावनाएं धड़कनें संग स्वर मिलाती । प्रीत -पथ अनुगामिनी मैं, प्रीत […]

कविता

वीर जवान

कब तक हम अन्याय सहेंगे,     करो व्यवस्था वीर जवान ।  हाहाकार करे,बैरी दल     थरथर काँपे उनके प्रान ।। वीर शिवा बन टूट पड़ो तुम      रहे मुकम्मल स्वाभिमान आन बान औऱ शान भी तुम     तुम ही भारत माँ का मान रणचंडी अब तो सरहद पर       […]

कविता

मोहना ! तेरी छबि को मैंने

साँसों पर लिख नाम तुम्हारा मन ही मन में झूम लिया मोहना !!! तेरी छबि को मैंने चितवन से ही चूम लिया मौन निमंत्रण देती अँखियाँ पीर हृदय में न्यारी कदम्ब के नीचे खड़ी पुकारूँ आजा मदन मुरारी मन ने तुझको ढूढ़ा वर्षों अलियों गलियों घूम लिया साँसों पर लिख नाम तुम्हारा मन ही मन […]

गीत/नवगीत

प्रणय वर्तिका जलती है

मुझे पता था तू है मेरा        तुझसे साँसें चलती है। इन दो नैनों के दीपों में        प्रणय वर्तिका जलती है। सन्ध्या से ले भोर तलक मैं                पंथ निहारूँ तेरा ही । पारिजात के पुष्प झरें जब             […]