गीत/नवगीत

नवगीत

अलकों के साये में आओ,
परिवर्तित हो तपन छाँव में।।
पुलकित पलकों के सपने तुम,
तुम ही नयनों की मधुराई।
चुड़ी का है मधुर निमंत्रण,
नथुनी देख तुम्हें इतराई।।
क्या समझें ‘वो’प्यार की भाषा
जिसके छाले नहीं पाँव में।
कैसे चलते पगडंडी पर,
कैसा काँटा ,चुभन है कैसी।
क्या होता है इंतजार में,
धड़कन की तड़पन है कैसी।।
त्याग समर्पण वे क्या समझे,
उलझें हैं जो पेंच -दाँव में।।
बहुत हुआ अब नहीं सहूँगी,
शहरों का ये एकाकीपन।
कोई नहीं किसी का भी है
हाथी दाँतों के ये दर्पण।।
परे चलो चालाक शहर से ,
ले चलती हूँ प्रीत गाँव में।।
— रागिनी स्वर्णकार शर्मा

रागिनी स्वर्णकार (शर्मा)

1- रचनाकार का पूरा नाम- श्रीमती रागिनी स्वर्णकार (शर्मा) 2- पिता का नाम-श्री पूरन चंद सोनी 3- माता का नाम -श्रीमती पार्वती 4- पति / पत्नी का नाम- श्री अरुण शर्मा 5- वर्तमान/स्थायी पता -डायमंड रेजीडेंसी, a सेक्टर सिलिकॉन सिटी राऊ ,इंदौर ,जिला-इंदौर मध्यप्रदेश 6- फोन नं/वाट्स एप नं. - 9754835741 7- जन्म / जन्म स्थान-बेगमगंज ,जिला- रायसेन जन्मतिथि 01,/05/1970 8- शिक्षा /व्यवसाय- बी.एस-सी.,एम .ए.(हिंदी,इंग्लिश) एम.एड. 9- प्रकाशित रचनाओं की संख्या-- 300 रचनाएँ प्रकाशित 10- प्रकाशित रचनाओं का विवरण । (लगभग 300 रचनाएँ समाचार पत्र ,संचार एक्सप्रेस ,निशात टाईम्स ,रीडर एक्सप्रेस भोपाल, लोकजंग भोपाल,दैनिक भास्कर भोपाल,देशबन्धु भोपाल ,से प्रकाशित हो चुकी हैं ) संकल्प शालेय पत्रिका का 7 वर्ष से सम्पादन