कविता

वीर जवान

कब तक हम अन्याय सहेंगे,
    करो व्यवस्था वीर जवान ।
 हाहाकार करे,बैरी दल
    थरथर काँपे उनके प्रान ।।
वीर शिवा बन टूट पड़ो तुम
     रहे मुकम्मल स्वाभिमान
आन बान औऱ शान भी तुम
    तुम ही भारत माँ का मान
रणचंडी अब तो सरहद पर
        करती वीरों का आह्वान
आज खून से तिलक करो तुम
    करें गोलियाँ भी यशगान ।
 धाँय धाँय से गूँजे अम्बर
       मिटे बुराई नामनिशान ।
फिर खेलो खूनी सी होली
      बासन्ती चोला पहचान ।।
एक वीर सौ -सौ पर भारी
  दुश्मन अब तक क्यों अनजान ।
वीर भयंकर रूप धरे जब
     बच पाये न इनकी जान।।
भारत माँ के लाल समर में
    माँ ने ममता की कुर्बान ।
काल घूम रहा शत्रु के सर
  शीघ्र करा दो उसको भान ।
— रागिनी स्वर्णकार (शर्मा)

रागिनी स्वर्णकार (शर्मा)

1- रचनाकार का पूरा नाम- श्रीमती रागिनी स्वर्णकार (शर्मा) 2- पिता का नाम-श्री पूरन चंद सोनी 3- माता का नाम -श्रीमती पार्वती 4- पति / पत्नी का नाम- श्री अरुण शर्मा 5- वर्तमान/स्थायी पता -डायमंड रेजीडेंसी, a सेक्टर सिलिकॉन सिटी राऊ ,इंदौर ,जिला-इंदौर मध्यप्रदेश 6- फोन नं/वाट्स एप नं. - 9754835741 7- जन्म / जन्म स्थान-बेगमगंज ,जिला- रायसेन जन्मतिथि 01,/05/1970 8- शिक्षा /व्यवसाय- बी.एस-सी.,एम .ए.(हिंदी,इंग्लिश) एम.एड. 9- प्रकाशित रचनाओं की संख्या-- 300 रचनाएँ प्रकाशित 10- प्रकाशित रचनाओं का विवरण । (लगभग 300 रचनाएँ समाचार पत्र ,संचार एक्सप्रेस ,निशात टाईम्स ,रीडर एक्सप्रेस भोपाल, लोकजंग भोपाल,दैनिक भास्कर भोपाल,देशबन्धु भोपाल ,से प्रकाशित हो चुकी हैं ) संकल्प शालेय पत्रिका का 7 वर्ष से सम्पादन