भीषण वैश्विक तेल संकट का एकमात्र कारण अमेरिका
आज विश्व के सिर्फ एक मूर्ख और अहंकारी { वैसे भी ये दोनों शब्द समानार्थी शब्द हैं }व्यक्ति , डॉनाल्ड ट्रंप के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद विश्व में तमाम समस्याएँ सुलझने के बजाय दिनोंदिन और ज्यादे उलझती ही जा रहीं हैं ,चाहे वह विश्व जलवायु की बिगड़ती हालत पर किया गया पेरिस जलवायु समझौता हो ,इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों की अंतहीन अन्तर्राष्ट्रीय होड़ हो ,परमाणु हथियारों की होड़ हो ,अंतरिक्ष को भी रणक्षेत्र बना देने का सनकभरा निर्णय हो ,इराक ,इरान ,अफगानिस्तान ,सीरिया ,उत्तर कोरिया ,वेनेजुएला आदि देशों से शान्ति समझौतों की बातें हों ,वैश्विक तेल समस्या हों ,खुद अमेरिकी पड़ोसी देश मैक्सिको की सीमा पर बाड़ लगाने का सनक भरा निर्णय हो आदि-आदि हर बात में , इस सनकी और खब्ती व्यक्ति ‘ ने उन तमाम समस्याओं को कुछ सुलझाने के ,और बुरी तरह से उलझाता जा रहा है ! पहले से की ही हुई शान्ति समझौतों को एक झटके में तोड़कर उससे अलग हो जाना इस व्यक्ति के लिए बायें हाथ का खेल हो गया है ।
आज के अधिकतर समाचार पत्रों के अनुसार ‘हूती अंसार अल्लाह ‘ नामक यमन विद्रोही गुट द्वारा ड्रोन से अतिगोपनीय ढंग से जबर्दस्त हमला करके सऊदी अरब के सबसे बड़े कच्चे तेल की अब्कैक और खुरैस स्थित तेल उत्पादक कंपनी ‘अमराको ‘में आग लगा दिया गया है । एक वैश्विक आकलन के अनुसार अमराको तेल उत्पादक कंपनी का तेल उत्पादन इतना बड़ा है कि संपूर्ण विश्व के कुल उत्पादन में इसका योगदान छः प्रतिशत तक है , इस पर हुए हमले से इसके उत्पादन ठप्प होने से वैश्विक स्तर पर तेल के दामों में मात्र कुछ घंटों में ही 20 प्रतिशत तक उछाल आ गया है !
इससे भारत जैस देश जो अपने उपभोग के लिए विदेशों से 80 प्रतिशत क्रूड ऑयल का आयात करते हैं और जहाँ पहले से ही आर्थिक मंदी की मार से यहाँ की विभिन्न नामी-गिरामी कंपनियों से लाखों लोगों की छँटनी हो रही हो , अब डीजल ,पेट्रोल की कीमतों में और बढ़ोत्तरी से मंहगाई और कई तरह की समस्याओं से यहाँ की पहले से ही भीषण गरीबी में जी रही जनता और भी नारकीय जीवन जीने को अभिषापित हो जायेगी ।
इसका भी कारण प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों तरह से अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप जिम्मेदार है ,क्योंकि वह अपने पिट्ठू सऊदी अरब के शासकों को अबाध सैनिक साजो-सामान देता रहा है और उसके उकसाने पर सऊदी अरब अपने पड़ोसी और अत्यन्त गरीब देश यमन पर काफी दिनों से अपने युद्धक हवाई जहाजों और बमों से भारी तब़ाही मचाता रहा है ,एक कहावत है कि , ‘किसी को भी जरूरत से ज्यादे सताया जाना ठीक नहीं होता ,क्योंकि चींटी भी बदले में पलटकर एकबार काटती जरूर है । ‘ और यही हुआ भी है यमन विद्रोहियों ने एक ही झटके में सऊदी अरब के तेल ठिकानों पर अचानक भीषण हमला कर सऊदी अरब सहित उसके आका अमेरिका को भी दिन में तारे दिखा दिए हैं ।
लेकिन उक्त दुःखद घटना में सबसे दुःख की बात यह है कि डॉनाल्ड ट्रंप नामक मूर्ख ,सनकी और खब्ती आदमी की सनक की वजह से इस दुनियाभर के अरबों गरीब लोगों का जीवन और भी नारकीय होकर रह जायेगा । इस समस्या का समाधान जल्दी होने के आसार इसलिए भी नहीं हैं ,क्योंकि इसी अमेरिका ने कुछ बड़े तेल उत्पादक देशों यथा ईरान और वेनेजुएला जो अपना तेल उत्पादन को तुरंत बढ़ाकर इस संकट से दुनिया को उबार सकते थे ,उन पर आर्थिक प्रतिबंध लगा रखा है । भारत जैसे देश ईरान से पहले 25 मिलियन टन कच्चे तेल मंगाते थे आज 1.25 मिलियन टन तेल मंगाने को बाध्य हैं । इसलिए जितनी जल्दी हो सके उतने कम समय में दुनिया के समझदार देश और लोग इस भीषण समस्या का समाधान करें ,अन्यथा दुनियाभर में विशेषकर गरीब देशों की हालत बहुत खराब हो जायेगी ।
— निर्मल कुमार शर्मा