बिरादरी
“मार डालो इन कुत्तों को। कोई भी बचने न पाए!”
“काट डालो इन सूअरों को ! कोई भी सूअर जिंदा ना रहा पाए !” चारों तरफ ऐसी ही आवाजों की गूंज सुन कर, शहर के सारे कुत्ते – सूअर सन्न से पड़ गए और फिर वे बेज़ुबान अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।
पूरा दिन-पूरी रात खून-खराबे का दौर चला और अगले दिन…. शहर की सड़कें इंसानी खून से भरीं थीं और इधर-उधर घूमते कुत्ते-सूअर अपनी बिरादरी को सुरक्षित पा अचंभित थे !
अंजु गुप्ता