तेरी सोहबत का असर
बड़ी मुश्किल है ये प्यार की डगर
आई नहीं तुम आने का वादा कर
खुश रहने की ख्वाहिश भी बची नही
ख़ुदा जाने क्यों उदासी है इस क़दर ।
प्यास जगाई तूने,जिसमें झुलसता रहा मैं
तुझे पता ही नही कहाँ खोई है तू मगर
सबकी नजरों में खुश ही दिखता हूँ मैं
ये सब तेरी ही सोहबत का है असर ।
अब ना भटको चुपचाप चली आओ तुम
दिल में प्यार की अब भी है वही लहर।
— आशीष तिवारी निर्मल