पर्यावरण

सूरज बिजली भी देगा और पर्यावरण को स्वच्छ भी रखेगा

हम धरती के प्राणी सूरज द्वारा दिए उपकार को चुका नहीं सकते। मसलन हवा, पानी, भोजन आदि सभी कुछ इस धरती पर सूरज की वजह से ही है। आज वैश्विक स्तर पर उर्जा की प्रमुख श्रोत विद्युत उत्पादन कोयले आधारित बड़े थर्मल पॉवर स्टेशन या जल द्वारा विद्युत उत्पादन के लिए पहाड़ों को खोखला करके बनाए जाने वाले बड़े-बड़े बाँधों की मदद से ही होता रहा है। वैसे भी दुनियाभर में अरबों की संख्या में डीजल-पेट्रोल चालित वाहनों से उत्सर्जित कार्बनडाई ऑक्साइड की वजह से हो रहे प्रदूषण की अधिकता से ग्लोबल वार्मिंग से समूची दुनिया त्रस्त है, उस स्थिति में बड़े-बड़े कोयला आधारित थर्मलपॉवर स्टेशनों से निकलने वाली राख, धुँए और कोयले के अतिसूक्ष्म कण प्रदूषण को और अधिक बढ़ाकर वैश्विक स्तर पर प्रदूषण की स्थिति और भी गंभीर बना दे रहे हैं। जल विद्युत उत्पादन हेतु बने बड़े-बड़े बाँधों से पहाड़ों के नाजुक पर्यावरण संतुलन, वहाँ के लोगों के गाँव के गाँव और उनकी कृषि भूमि जलमग्न होने से उनके विस्थापन, उनकी रोजी-रोटी की गंभीर समस्या पैदा हो जा रही है, इसके अतिरिक्त पहाड़ों से नदियों के साथ आने वाले गाद (सिल्ट) के बाँधों की तली में धीरे-धीरे जमने से उन्हें उथला करके उनकी क्षमता उत्तरोत्तर घटाते जाते हैं।
इन सभी समस्याओं से निजात पाने के लिए सौर उर्जा और पवन उर्जा हमारे देश के लिए बहुत ही उपयुक्त संसाधन हैं। इस दिशा में हमारे देश का लद्दाख प्रदेश बहुत सर्वोत्तम जगह है। पर्यावरण वैज्ञानिकों के अनुसार लद्दाख में देश के अन्य भूभागों की अपेक्षा सोलर पैनल से 10 प्रतिशत अधिक विद्युत उत्पादन होता है, क्योंकि यहाँ का आकाश वर्ष के अधिकतर समय बिल्कुल शीशे की तरह स्वच्छ व निर्मल रहता है। अतः यहाँ भारत सरकार द्वारा 23000 मेगावाट तक विद्युत उत्पादन क्षमता की सोलर पैनल लगाकर विद्युत उत्पादन करने की प्रोजेक्ट की शुरूआत की एक अच्छी पहल शुरू कर चुकी है। इसके साथ ही लद्दाख के परिक्षेत्र में वायु भी बहुत तीव्रतम गति से चलती है, इसलिए वहाँ बड़ी संख्या में विंड टर्बाइनें लगाकर, उससे उत्पादित विद्युत और सोलर एनर्जी से प्राप्त विद्युत को एक ही विद्युत केबल से देश के जरूरतमंद जगहों पर बिजली की आपूर्ति की जा सकती है।
लद्दाख क्षेत्र के बर्फ से आच्छादित, दुर्गम स्थानों पर ये काम बहुत ही दुरूह और श्रमसाध्य और खर्चीला है, फिर भी इसको बनाने में बेरोजगारी से जूझ रहा हमारा देश कुशल व अकुशल हजारों लोगों की रोजीरोटी का साधन बन सकता है और एक बार ये मेगा प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद देश की विद्युत माँग की बहुत बड़े भाग की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त इसमें प्रदूषण न होने से अत्यधिक प्रदूषण से अभिशापित हमारे देश को इससे कुछ राहत भी मिलेगी।

— निर्मल कुमार शर्मा

*निर्मल कुमार शर्मा

"गौरैया संरक्षण" ,"पर्यावरण संरक्षण ", "गरीब बच्चों के स्कू्ल में निःशुल्क शिक्षण" ,"वृक्षारोपण" ,"छत पर बागवानी", " समाचार पत्रों एवंम् पत्रिकाओं में ,स्वतंत्र लेखन" , "पर्यावरण पर नाट्य लेखन,निर्देशन एवम् उनका मंचन " जी-181-ए , एच.आई.जी.फ्लैट्स, डबल स्टोरी , सेक्टर-11, प्रताप विहार , गाजियाबाद , (उ0 प्र0) पिन नं 201009 मोबाईल नम्बर 9910629632 ई मेल [email protected]