सतरंगी समाचार कुञ्ज-3
आप लोग जानते ही हैं, कि ‘सतरंगी समाचार कुञ्ज’ में सात रंगों के समाचार हम लिखते हैं, शेष रंगों के समाचार कामेंट्स में आपकी-हमारी लेखनी से लिखे जाएंगे. आइए देखते हैं इस कड़ी के सात रंग के समाचार-
1.ये नहीं चलेगा-
मेक्सिको / मेयर सामाजिक कार्यक्रम में नहीं जा पाए तो अपना कटआउट भेज दिया, लोगों ने कहा- ये नहीं चलेगा
एक हेल्थ इवेंट में मेयर खुद नहीं जा सके, तो उन्होंने अपना कटआउट भेज दिया. यह बात हेल्थ वर्करों को पसंद नहीं आई. उन्हें उम्मीद थी कि मोजिज से मिलकर वह अपनी परेशानियां बता पाएंगे ताकि कुछ हल निकल सके. हेल्थ कार्यकर्ताओं से कहा गया कि वे अपनी प्रॉब्लम्स कटआउट पर लिख दें और इसी के साथ तस्वीर भी खिंचवा लें. यह एक आधिकारिक इवेंट था, जिसमें 200 से ज्यादा लोग आए थे. ऐसे में मेयर का ऐसा व्यवहार बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं था. हो भी कैसे!
”तस्वीर तेरी दिल मेरा बहला न सकेगी.”
2.सम्मान की बात-
कर्नाटक / बेंगलुरु की छात्रा एक दिन के लिए ब्रिटिश उप उच्चायुक्त बनीं, कहा- यह सम्मान की बात-
इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे के मौके पर पत्रकारिता की छात्रा अंबिका बनर्जी को शुक्रवार को एक दिन का ब्रिटिश उप उच्चायुक्त बनने का मौका मिला. अंबिका ने ब्रिटिश उप उच्चायुक्त जेरेमी पिल्मोर बेडफोर्ड से पद भार लिया. इस दौरान 24 साल की अंबिका ने ब्रिटेन और भारत के बीच राजनयिक संबंधों के बारे में जाना. इससे पहले चार अक्टूबर को उत्तरप्रदेश के गोरखपुर की रहने वाली 22 साल की आयशा खान को एक दिन के लिए उच्चायुक्त बनाया गया था.
अंबिका ने बताया, “यह सम्मान की बात है. मैं पहले बेंगलुरु स्थित ब्रिटिश उप उच्चायुक्त कार्यालय के सभी कर्मचारियों से मिली. फिर हम व्हाइटफील्ड में टेस्को गए. वहां हम विद्या लक्ष्मी से भी मिले, जो लैंगिक समानता के लिए काम कर रही हैं.” अंबिका ने कहा, “मैं यह नही कहूंगी कि यह एक दिन की बात है. यह रोज चलने वाला काम है. मैंने सीखा कि इन पदों पर लोग कैसे काम करते हैं. भारत और ब्रिटेन के बीच राजनयिक संबंधों के लिए ऑफिस कैसे कार्य करता है. यह अनुभव बढ़िया था। मैंने खूब एन्जॉय किया.”
3.है न कमाल!
ब्रिटेन / दुनिया में पहली बार 18 कैरेट सोने का एटीएम कार्ड बनाया, इसकी कीमत 14 लाख रुपए
ब्रिटिश सरकार की स्वामित्व वाली कंपनी ‘द रॉयल मिंट’ ने दुनिया का पहला ऐसा एटीएम कार्ड बनाया है, जो पूरा सोने का बना है. कंपनी ने बताया कि इसमें 18 कैरेट सोने का इस्तेमाल हुआ है. इसकी कीमत 18750 यूरो (करीब 14 लाख 70 हजार रुपए) है. इसे ‘रेरिस’ नाम दिया गया है. इस डेबिट कार्ड पर ग्राहक का नाम लिखा जाएगा और उसके साइन होंगे. इसकी खासियत यह है कि कार्ड में कोई ट्रांजेक्शन फीस नहीं लगेगी. साथ ही किसी प्रकार की फॉरेन एक्सचेंज फीस भी नहीं देनी होगी.
4.पन्ना में हीरा!
मप्र / पन्ना में महिला को मिला 7.87 कैरेट का हीरा, कीमत 20 लाख रुपए
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में राधा अग्रवाल नाम की महिला को चौपरा हीरा खदान में 7.87 कैरेट का जेम क्वालिटी हीरा मिला है. इसकी कीमत करीब 20 लाख रुपए बताई जा रही है. महिला का नाम है राधा अग्रवाल और वह रानीगंज में रहती है. राधा ने बताया कि हीरा कार्यालय से उसे चार दिन पहले ही 8 गुणा 7 मीटर का उत्खनन का पट्टा मिला था. इसके तीन दिन बाद ही उसे यह हीरा मिल गया. महिला ने हीरा को खनिज कार्यालय में जमा कर दिया है. जिसे इसी माह हीरों की नीलामी में बिक्री के लिए रखा जाएगा. राधा अग्रवाल का कहना है कि हीरे की नीलामी से मिलने वाले रुपए अपने बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करेंगी.
5.’दी मून स्टार’ जूतियां-
दुबई / 141 करोड़ रुपए की बेशकीमती जूतियां; इनमें 30 कैरेट के हीरे, उल्कापिंड के टुकड़े जड़े हैं
दुबई मरीना में एक लॉन्च प्रेजेंटेशन के दौरान बेशकीमती जूतियां प्रदर्शित की गईं. इनकी कीमत करीब 141.33 करोड़ रुपए (1.99 करोड़ डॉलर) है. शुक्रवार को इनका अनावरण एक लग्जरी याट पर किया गया. इसके साथ इन जूतियों को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया. इससे पहले 110 करोड़ रुपए (1.55 करोड़ डॉलर) के सबसे महंगे जूतों का रिकॉर्ड दर्ज था. ‘दी मून स्टार’ जूतियों की इस जोड़ी में 30 कैरेट के छोटे-छोटे हीरे लगे हैं. इसके अलावा, 1576 में अर्जेंटीना में मिले उल्कापिंड के टुकड़े भी लगे हैं. इस शू-पेयर को इटली के मशहूर डिजाइनर एंतोनियो विएत्री ने डिजाइन किया है.
6.मां पप्पूदेवी के जन्मदिन का उपहार-
जोधपुर / मां के लिए फ्रिज खरीदने 35 किलो सिक्के लेकर गया, दो हजार रु. कम निकले तो शोरूम ने छूट दी
जोधपुर के सहारन नगर निवासी 17 साल के रामसिंह ने सुबह अखबार में फ्रिज का विज्ञापन देखा तो शोरूम में फोन किया. कहा- उसकी मां पप्पूदेवी का जन्मदिन है और वह उन्हें फ्रिज गिफ्ट करना चाहता है, लेकिन वह सिर्फ सिक्कों में ही भुगतान कर पाएगा. शोरूम संचालक हरिकिशन खत्री ने सिक्के स्वीकार करने की हामी भर दी. इसके बाद रामसिंह एक बोरे में करीब 35 किलो के सिक्के लेकर शोरूम पहुंच गया. इन सिक्कों में एक, दो, पांच व दस के सिक्के शामिल थे शोरूम संचालक ने नकदी गिनवाई तो 2 हजार रुपए कम निकले. इस पर किशोर की भावनाओं का ख्याल करते हुए हरिकिशन ने न केवल 2 हजार का डिस्काउंट दिया, बल्कि एक गिफ्ट भी रामसिंह को दिया. वाह, यह भी खूब रही!
7.75 साल की युवा नृत्यांगना-
गुजरात / 75 की उम्र में आरंगेत्रम की प्रस्तुति देने वाली पहली महिला, 68 की थीं तब सीखना शुरू किया
सूरत की 75 साल की बकुलाबेन पटेल ने शनिवार को आरंगेत्रम की शानदार प्रस्तुति दी. इस उम्र में आरंगेत्रम की प्रस्तुति देने वाली वे देश की पहली महिला बन गई हैं. आरंगेत्रम भरतनाट्यम नृत्य का एक हिस्सा है. इसमें 90 मिनट तक भरतनाट्यम की 9 कलाओं की प्रस्तुति दी जाती है. बकुलाबेन पेशेवर एथलीट भी हैं. 58 वर्ष की उम्र में स्विमिंग के साथ स्पोर्ट्स जगत में शुरुआत की. 75 वर्ष की होने तक 185 सर्टिफिकेट-ट्रॉफी, प्रशस्ति पत्र और मेडल जीत चुकी हैं. बकुलाबेन ने 68 की उम्र में आरंगेत्रम सीखना शुरू किया. वे बताती हैं, इसे सीखने में सात साल लगते हैं. कभी-कभी लगा कि मुझसे नहीं होगा. हर साल इसे छोड़ देने का विचार आया. चार साल यूं ही बीत गए. परीक्षा हुई और जब मैं अव्वल आई तो आत्मविश्वास बढ़ गया. इसी के साथ ठान लिया कि अब पीछे नहीं हटना है. पिछले 4 महीनों से मैं हर दिन 10 घंटे प्रैक्टिस कर रही थीं.
कुछ फटाफट सुर्खियां-
ओडिशा: अंतिम संस्कार के लिए ले जाने के दौरान जीवित निकला व्यक्ति
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ई-कॉमर्स कंपनियां पैकेजिंग में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग कम करे: मंत्रालय
रानू मंडल के बाद नेहा नाज का यह गाना सबको पागल सा दीवाना बना देगा-
”दिल है कि मानता नहीं.”
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आशा है आपको सतरंगी समाचार की यह कड़ी भी पसंद आई होगी. आप भी कामेंट्स में विभिन्न रंगों के ऐसे अनोखे-रोचक-जागरूकता से ओतप्रोत सकारात्मक समाचार लिख सकते हैं.
गुजरात / कैंसर पीड़ित पड़ोसी की मदद के लिए सोशल मीडिया के जरिए 3 दिन में 25 लाख रु. जुटाए
गुजरात के सूरत स्थित वाकया वराछा-कापोद्रा की भगवती सोसाइटी के मनसुख आसोदरिया और उनके मित्र सुरेश कथीरिया ने कैंसर पीड़ित पड़ोसी की आर्थिक मदद के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट की। उन्हें ज्यादा से ज्यादा 5 लाख रुपए की मदद मिलने की उम्मीद की, लेकिन तीन दिन में ही 25 लाख रुपए जमा हो गए। आखिरकार यह अपील करनी पड़ी कि इस परिवार के लिए यह मदद काफी है। अब ऐसी ही दूसरों लोगों के लिए मदद का हाथ बढ़ाएं।