ब्लॉग/परिचर्चा

इतिहास बन रहा है

हमें संसार की किताब से ही दुनिया के शुरू का हाल मालूम हो सकता है. इस किताब में चट्टान, पहाड़, घाटियाँ, नदियाँ, समुद्र, ज्वालामुखी और हर एक चीज, जो हम अपने चारों तरफ देखते हैं, शामिल है. यह किताब हमेशा हमारे सामने खुली रहती है, लेकिन बहुत ही थोड़े आदमी इस पर ध्यान देते या इसे पढ़ने की कोशिश करते हैं. ऐसे ही लोग इतिहासकार कहलाते हैं. इस किताब को पढ़ने की कोशिश ही इतिहास बनाती है. दूसरे शब्दों में कहें, तो एक समय जो समाचार था वह अब इतिहास है और आज जो समाचार है वह आगे चलकर इतिहास बन जाएगा.

 

आज हमने कैंसर पर एक प्रेजेंटेशन देखा. इसमें बताया गया, कि 1940-50 में 300 में से एक व्यक्ति कैंसर पीड़ित था. धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ती हुई आज 3 में से 1 व्यक्ति कैंसर पीड़ित है. इसे आप कैंसर का इतिहास भी कह सकते हैं और बढ़ते प्रदूषण और मिलावट का इतिहास भी. एक शोध के अनुसार बढ़ता प्रदूषण, रासायनिक खाद और खाद्य-सामग्री में मिलावट कैंसर के प्रमुख कारण हैं. सेंट-डियोडोरेंट जैसे श्रंगार प्रसाधन भी कैंसर को पनपाने देने में सहायक होते हैं. समय रहते हम संभल जाते हैं, तो कल का इतिहास हमें समझदार कहेगा, अन्यथा भयानक काल की कगार पर तो हम खड़े ही हैं!

 

हम हर पल अपने सामने इतिहास बनता हुआ देखते हैं. मेरी ममी जब बच्ची हुआ करती थीं तब, अगर घर में बनी सब्ज़ी उनकी मनपसन्द नहीं होती तो, बाज़ार से एक पाई के पकौड़े लाकर वे खाना मज़े से खा लेती थीं. मैं जब बच्ची थी तो, हलवाई एक आने में एक बड़े-से दोने में रबड़ी भरकर उसमें एक बड़ा-सा गुलाबजामुन डालकर देता था, और हम सब भाई-बहिन बड़े मज़े से स्वादिष्ट-खालिस रबड़ी-गुलाबजामुन खाने का आनंद लेते थे. वो पैसे, टक्के, आने, दुअन्नी, चवन्नी, अट्ठनी अब इतिहास बन गए. फिर नोटबंदी ने इतिहास बनाया, एक हजार के नोट तो गायब ही हो गए, पांच सौ का नोट तो फिर भी रूप बदलकर वापिस आ गया. नोटबंदी के बाद जी एस टी ने इतिहास बनाया और अब भी नए-नए नियम बनाकर इतिहास रच रहा है. कहने का तात्पर्य है, कि हर पल हमारी आंखों के सामने इतिहास बन रहा है.

 

अंतरिक्ष में इतिहास बना है. पहली बार सिर्फ महिलाओं ने स्पेसवॉक किया है.
पिछली आधी सदी में किए गए सभी 420 स्पेसवॉक में पुरुष किसी न किसी रूप में शामिल रहे हैं, लेकिन 17 अक्तूबर, 2019 शुक्रवार को स्पेसवॉक संख्या 421 के साथ ही यह बदल गया. नासा की तरफ से स्पेसवॉक के लिए इस बार सिर्फ 2 महिला अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा गया. अंतरिक्ष यात्री क्रिस्टिना कोच और जेसिका मीर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में चहलकदमी की. स्पेसवॉक संख्या 421 ने इतिहास बनाया जब सिर्फ दो महिलाएं इसमें मौजूद रहीं.

 

इस इतिहास के बनने का कहानी भी बड़ी रोचक है. दरअसल, यह मिशन मार्च में शुरू होने वाला था, लेकिन स्पेस एजेंसी के पास एक ही मध्यम साइज का सूट था, जो महिला-पुरुष कॉम्बिनेशन वाला था जो कि इसे पहन कर अपना टास्क पूरा कर सकते थे. अब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में मौजूद सभी चार पुरुष भीतर ही रहे और जबकि जेसिका और क्रिस्टिना टूटे हुए बैटरी चार्जर को बदलने के लिए केंद्र से बाहर अंतरिक्ष में चहलकदमी करती दिखीं.

 

13 साल के रौनक साधवानी बने भारत के 65वैं ग्रैंडमास्टर-

भारत को अपना 65वां ग्रैंडमास्टर रौनक साधवानी के रूप में मिल गया है. आइल ऑफ मैन में फिडे चेस डॉट कॉम ग्रैंड स्विस टूर्नमेंट में 13 साल के रौनक ने कमाल का प्रदर्शन किया. उनकी इस उपलब्धि पर पूर्व वर्ल्ड चैंपियन व्लादिमीर क्रैमनिक को भी बहुत खुशी हुई, क्योंकि उन्होंने 5 अन्य युवा भारतीय प्रतिभाओं के साथ रौनक को भी ट्रेन किया है. रौनक इसी साल अगस्त में स्विट्जरलैंड में क्रैमनिक माइक्रोसेंस इंडिया चेस कार्यक्रम का हिस्सा रहे थे. क्रैमनिक ने रौनक की जीत पर जताई खुशी, बोले- भरोसा है कि रौनक शतरंज के शीर्ष खिलाड़ी बनेंगे. रौनक ने एक नया इतिहास बनाया.

 

वर्ल्ड टूरिज़म डे पर स्पेशल: 62 में बाइक पर भारत भ्रमण-
नौकरी से रिटायरमेंट को जिंदगी की ढलान न मानकर एक नई शुरुआत मानने का अपना ही मजा है. वाकई यह आपको नई जिंदगी देता है. शरत शर्मा को भी इससे एक नई जिंदगी मिली. उन्होंने 240 दिन में 30850 किमी का सफर तय किया, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पूरे देश को एक बार में बाइक से घूमने का अपना बरसों पुराना सपना 62 साल की उम्र में पूरा किया है. उनके सपने को पूरा करने के लिए बेटे-बहू ने उन्हें नई बेटे और बहू ने उन्हें नई बाइक रॉयल एनफील्ड हिमालयन गिफ्ट की. वे पूरी तैयारी से भारत भ्रमण पर निकले.

 

19 घंटे नॉन-स्टॉप फ्लाइट के सफर के बाद शरीर पर होता है कैसा असर

अमेरिका के न्यू यॉर्क से ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर के बीच 16 हजार 200 किलोमीटर का सफर तय करने में दुनिया की सबसे लंबी फ्लाइट को 19 घंटे 16 मिनट का वक्त लगा. यह एक नॉन स्टॉप फ्लाइट थी. जी हां, यानी 19 घंटे लगातार फ्लाइट में एक ही जगह पर बैठे रहने का सफर. इतनी लंबी फ्लाइट का पैसेंजर्स, पायलट्स और क्रू मेंबर्स पर कैसा असर होगा इस बारे में एक्सपर्ट्स जांच कर रहे हैं. यह जानने की कोशिश ही कुछ परिणाम निकालेगी, फिर एक नया इतिहास बनने की राह रोशन होगी.

 

खेल के क्षेत्र में तो हर पल नया इतिहास रचा जा रहा है. इसे हम रेकॉर्ड का नाम देते हैं. क्रिकेट के मैदान पर रेकॉर्ड का तो जवाब ही नहीं. हम सिर्फ दो सुर्खियां ही दे रहे हैं-
क्रिकेट के 10 रेकॉर्ड्स, जिनका टूट पाना लगभग नामुमकिन

विराट कोहली ने तोड़ा अजहर का रेकॉर्ड, सबसे ज्यादा बार फॉलोऑन देने वाले भारतीय कप्तान

चलते-चलते

पहली बार साउथ अफ्रीका पर भारत की ऐसी विराट जीत!

भारत ने साउथ अफ्रीका को तीसरे टेस्ट में पारी और 202 रनों से हरा दिया है. इसके साथ ही टीम इंडिया ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज 3-0 से अपने नाम कर ली. चौथे दिन भारत ने सिर्फ 9 मिनट और दो ओवरों में मैच अपने नाम कर लिया, इसके साथ ही एक नया इतिहास बन गया.

 

तेजस एक्सप्रेस: 150 साल के इतिहास में पहली बार ट्रेन लेट होने पर यात्रियों को मिलेगा मुआवजा-
लखनऊ जंक्शन पर गुरुवार रात कृषक एक्सप्रेस के दो कोच डिरेल होने के कारण तेजस एक्सप्रेस दोनों तरफ (लखनऊ और दिल्ली से) तरफ से विलंब हो गई. इस कारण आईआरसीटीसी के नियम के मुताबिक सभी यात्रियों को 250-250 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. लेट होने पर तेजस एक्सप्रेस द्वारा यात्रियों को 1.62 लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ रहा है.

 

विज्ञान के क्षेत्र में भी नित नए आविष्कार होते हैं और नया इतिहास बनता जाता है. हर क्षेत्र में हर पल कुछ-कुछ नया होता रहता है, जो पहले समाचार बनता है और फिर समय के साथ इतिहास बन जाता है.

 

इतिहास के ऐसे ही कुछ पन्ने आप भी कामेंट्स में दर्ज कर सकते हैं.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “इतिहास बन रहा है

  • लीला तिवानी

    देखते-ही-देखते नोटबंदी इतिहास में दर्ज हो गई-
    भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण, जिसे मीडिया में छोटे रूप में नोटबंदी कहा गया, की घोषणा 8 नवम्बर 2016 को रात आठ बजे (आईएसटी) भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अचानक राष्ट्र को किये गए संबोधन के द्वारा की गयी। यह संबोधन टीवी के द्वारा किया गया। इस घोषणा में 8 नवम्बर की आधी रात से देश में 500 और 1000 रुपये के नोटों को खत्म करने का ऐलान किया गया। इसका उद्देश्य केवल काले धन पर नियंत्रण ही नहीं बल्कि जाली नोटों से छुटकारा पाना भी था।

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