नेह से नेह के दीप जलाएं
नेह से नेह के दीप जलाएं, आओ दिवाली मनाएं,
प्रेम-प्यार के सुमन खिलाएं, आओ दिवाली मनाएं.
दीप जलाएं मिट्टी के हम, आओ दिवाली मनाएं,
बिजली का उपयोग करें कम, आओ दिवाली मनाएं.
दूर करें दुखियों के दुःख-ग़म, आओ दिवाली मनाएं,
रहे न किसी की भी आंखें नम, आओ दिवाली मनाएं.
हवा न जहरीली होने दें, आओ दिवाली मनाएं,
पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं, आओ दिवाली मनाएं.
दूर दिखावे से रहकर हम, आओ दिवाली मनाएं,
रहे न मन में रंजिश औ’ ग़म, आओ दिवाली मनाएं.
मीठे बोल की बांटें मिठाई, आओ दिवाली मनाएं,
छोड़ें अहम, वहम औ’ ढिठाई, आओ दिवाली मनाएं.
प्रेम-प्यार के सुमन खिलाएं, आओ दिवाली मनाएं.
नेह से नेह के दीप जलाएं, आओ दिवाली मनाएं.
कोई न हो निराश – तो समझो दिवाली है,
पूरी हो सबकी आस – तो समझो दिवाली है,
दिल-दिल से मिलके दीप जले, उसी रोशनी से,
हर घर में हो प्रकाश – तो समझो दिवाली है.
सभी पाठकों को ‘दीपावली’ के पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं.