ग़ज़ल
मौसम की अंगड़ाई समझ,
यह बदली क्यों छाई समझ।
आंखें तेरी रोशन हैं,
फिर क्यों ठोकर खाई समझ
लिखने से पहले अपने,
लफ़्ज़ों की गहराई समझ
दिल में जब तूफान उठे,
याद किसी की आई समझ
आज नमिता खुश है तू,
दिल में मस्ती छाई समझ
— नमिता राकेश
मौसम की अंगड़ाई समझ,
यह बदली क्यों छाई समझ।
आंखें तेरी रोशन हैं,
फिर क्यों ठोकर खाई समझ
लिखने से पहले अपने,
लफ़्ज़ों की गहराई समझ
दिल में जब तूफान उठे,
याद किसी की आई समझ
आज नमिता खुश है तू,
दिल में मस्ती छाई समझ
— नमिता राकेश