ग़ज़ल
दरिया को हैरानी हैमुझ में कितना पानी है जीना है दुश्वार बहुतमरने में आसानी है हम दिल दे कर भूल
Read Moreगायत्री साहित्य संस्थान द्वारा हिंदी भवन में आयोजित वार्षिकोत्सव में प्रसिद्ध साहित्यकार नमिता राकेश को उनकी समग्र साहित्यिक सेवाओं और
Read Moreनिर्दलीय समाचार पत्र समूह सह प्रकाशन के स्वर्ण जयंती समारोह में वरिष्ठ पत्रकार श्री कैलाश आदमी जी, श्री खंडवेकर जी
Read Moreगूंज शब्दों की या अनकही बातों की जब तक दिल तक ना पँहुचे तब तक कुछ कहना या चुप रहना
Read Moreतुम्हें जीतना बहुत आसान था पर तुम्हें हारते हुए नहीं देख सकती थी इसलिए चाहते हुए भी कोशिश नही की
Read Moreअब तुम ही बताओ कैसे करूँ परिभाषित तुमको ! तुम कभी लय बध्द हो एक नृत्यांगना की तरह तो कभी
Read More