चिड़ियों का संकट
बिजली के नंगे तारों से,
चिड़िया धोखा खा जाती,
गलती से चोंच भिड़ा जाती |
करंट खाकर मर जाती ||
कौन उसे यह बात बताये,
नंगे तारों पर न चोंच लड़ाये,
पर वो बेचारी समझ न पाये |
चिड़िया जाये तो कहाँ जाये ||
पेड़ बचे अब बस थोड़े से,
उड़ान की थकान से थककर,
बिजली के तारों पर विश्राम करे |
अपनों से प्यार भरी दो बातें करे ||
झट करंट दोनों में दौड़ पड़े,
बड़ी दु:खद घटना घट जाती,
वैज्ञानिकजी कोई अविष्कार करो!
नन्हीं-नन्हीं चिड़ियों का संकट हरो ||
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा