क्या यही प्यार है
यह प्यार नहीं तो क्या है
तू जो नहीं दिखती,
दिल मेरा होता बेचैन,
यह प्रेम नहीं तो क्या है ?
तू जो नहीं बोलती कुछ भी,
कान मेरे तरसते है सुनने को,
यह प्रेम नहीं तो क्या है?
तुम जो रूठ जाती हो,
दिल मेरा होता उदास,
यह प्रेम नहीं तो क्या है?
तू न चाहे फिर भी मैं,
करता हरदम परवाह तेरी,
यह प्रेम नहीं तो क्या है?
तेरी पसन्द को मैं करता पसन्द,
खुशी मिले तुझे थोड़ी चाहता हूँ,
यह प्रेम नहीं तो क्या है?
तेरी आवाज़ सुन कर आता भाग,,
काम कितने जरूरी छोड़ कर ,
यह प्रेम नहीं तो क्या है?
तेरे चेहरे पर देख उदासी,
हर कोशिश हंसाने की करता,
यह प्रेम नहीं तो क्या है?
बिन कहे तेरा ध्यान मैं रखता,
तेरी खुशी अनमोल मेरे लिए,
यह प्रेम ही है पगली समझ ।।
सारिका औदिच्य