हैरत की बात उनको’ ये कैसा मलाल है
क्यूँ दोस्ती में रंजिश , दिल में उबाल है !
आओ हमारे घर पे कभी तुम भी यार तो
बातें करेंगे रू ब रू कैसा खयाल है !
उलझे हुए हैं खुद भी मुहब्बत की राह में
दिल में भी उड़ रहें हैं रंग ए गुलाल है !
बेताब दिलनशीं मैं तुझे क्या कहूँ बता
हुस्न ओ जमाल तेरा भी ये बा- कमाल है
देते वो जान हँस के मिटाते खुदी को हैं
माँ के सपूत देश के वो बेमिसाल हैं !