सास बहू का मुद्दा
*क्यों एक सास कभी माँ नहीं बन पाती
हँस रहे होंगे न आप भी क्या वही पुराना किस्सा, लेकिन तीस सालों के कड़वे अनुभव ने यही बताया है कि हर जगह बहू को ही क्यों दोष दिया जाता है ? दुनिया मे आज गली गली इतने वृद्धाश्रम खुल रहे हैं क्या उन सबके पीछे सिर्फ बहुओं का ही दोष होता है ? क्या ताली एक हाथ से ही बजती है ? क्यों एक सास कभी माँ नहीं बन पाती। बेटियों के लिए रोने वाली सास बहुओं को बेटी क्यों नहीं मान सकती ? क्यों बहू को हर बात का प्रूफ देना पड़ता है ? क्यों बड़े बुजुर्ग कभी बहू की बात को सही नहीं समझ पाते ? क्या इसमें भी बहुओं के परिवार की गलती होती है?माना कि दो परिवारों के रहन सहन और पारिवारिक माहौल का बहुत बड़ा अंतर होता है लेकिन क्या वो अंतर ताउम्र साथ रहने के बाद भी बना रहता है ?
— वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़