बादल शंका के
बादल शंका के
गूथे गये
शंका के बादल
विभिन्न विद्याओं से
जिनकी मोटी
परत के नीचे,
दबा दिया गया
विश्वास
इंगित करता है
प्रत्येक प्रतिबिम्ब
अविश्वास की ओर
दम तोडने लगता है
विश्वास
छटपटाहट, कसमसाहट की
जकड़न से
दिखाई देती है कभी
आशा की किरण
जो मुक्त करेगी
विश्वास को
पर
रह जाता है
एक कण अविश्वास का
जो पुनः रच देता है
नया आवरण
अथक प्रयासों के
उपरान्त भी
मिलता नही मोक्ष…….