बालमन
जोश सब में भरे बालमन।
शाद दिल को करे बालमन।
खौफ रखता परे बालमन।
कब किसी से डरे बालमन।
प्रेम की जब हवा आ लगे,
फूल जैसा झरे बालमन।
प्रेम का खाद पानी मिले,
खूब जमकर फरे बालमन।
ठान ले बात कोई अगर,
फिर न टारे टरे बालमन।
— हमीद कानपुरी