सतरंगी यादें
जीवन की अमूल्य धरोहर सी ,
होती हैं यह सतरंगी यादें…….!
बचपन की नादानियों को समेटे यादें,
यौवन की अल्हड़ता से भरी यादें,
प्रिय के प्रेम स्मृति को संजोती यादें,
घर की किलकारियों से गूंजती यादें,
बीते पलों की सतरंगी यादें…….।
झील सी खामोशी को समेटे यादें,
सर्द मौसम सी ठिठुरती यादें,
उजली सुबह सी रुपहली यादें,
शंखनाद से गूंजती सुरीली यादें,
बीते पलों की सतरंगी यादें…….।
नागफनी के शूलों सी चुभती यादें,
गुलाब की खुशबू सी बिखरती यादें,
कभी हर्ष कभी पीड़ा दिलाती यादें,
तनहाई में आकर रुलाती यादें,
बीते पलों की सतरंगी यादें……..।
विभावरी का वृतांत सुनाती यादें,
चांदनी सी मन आंगन में उतरती यादें,
शांत रहकर भी विचलित करती यादें,
हृदय तल पर आच्छादित सुनहरी यादें,
बीते पलों की सतरंगी यादें………।
— कल्पना सिंह