कविता

फिर सदाबहार काव्यालय- 49

‘उम्मीद अभी बाकी है’

चांद भी वहीं है,
हम भी यहीं हैं
उम्मीद अभी बाकी है
क्या हुआ जो गुम हो गया
इसरो परिवार का दूसरा बेटा
नाम है जिसका चंद्रयान-2
होश अभी बाकी है
जोश अभी बाकी है
फिर नया इतिहास रचेगा
चन्द्रमा पर तिरंगा लहरेगा
ये तो कुछ भी नहीं,
तिरंगे के साथ-साथ चन्द्रयान-3
चांद पर नया संसार बसाएगा
क्योंकि ……..
चांद भी वहीं है, हम भी यहीं हैं.

—-डॉक्टर इला सांगा

मेरा परिचय: डाक्टर (पीएचडी, संगीत) (दिल्ली विश्व विद्यालय) संगीत के अतिरिक्त मुझे लेखन में भी रूचि रही है। मैं जो कुछ भी अपने आस-पास महसूस करती हूँ ,इसे कविता, कहानी, लघु-कथा के माध्यम से अभिव्यक्त करती हूँ। मेरे पति श्री दलबीर सिंह सांगा गेल इंडिया लिमिटेड से जनरल मैनेजर के पद से रिटायर हुए हैं, वहीँ के हिंदी विभाग पत्रिका में मेरे लेख, कहानियां प्रकाशित होती रही हैं।

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*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “फिर सदाबहार काव्यालय- 49

  • लीला तिवानी

    महान संगीत विशारद डॉक्टर इला सांगा जी, सादर प्रणाम. हमारे मंच पर आपके आगमन से महफिल सुरीली और सजीली हो गई है. बहुत सुंदर विषय और बहुत सुंदर प्रस्तुति है आपकी रचना ‘उम्मीद अभी बाकी है’. इस विषय पर तो हमारे सभी पाठक और कामेंटेटर्स फिदा हो जाएंगे और शायद हमें एक और विशेष एपीसोड या ब्लॉग भी तैयार करने की भी अवसर मिलेगा. इसरो परिवार का दूसरा बेटा चंद्रयान-2 काफी हद तक सफल रहा, जो कमी रह भी गई, उससे बहुत-से सबक भी मिले और नासा भी हमारा फैन बन गया. अब इसरो परिवार के तीसरे बेटे चंद्रयान-3 के लॉन्च की तैयारी शुरु हो गई है, उसके लिए संभावित दस यात्रियों का चुनाव भी कर लिया गया है और उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इतनी सुंदर-सकारात्मक ‘उम्मीद अभी बाकी है’ कविता के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं.

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