पर्यावरण

वायुप्रदूषण और स्मॉग से निपटने में हमें चीन से प्रेरणा लेनी चाहिए

हमारे देश में प्रदूषण की समस्या अब अत्यधिक गंभीर हो चली है। अभी सूर्य उपासना और प्रकृतिपूजक पर्व छठ के अगले दिन दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में वायुप्रदूषण और स्मॉग से जो भयावह स्थिति पैदा हुई,उससे एकबारगी ऐसा लगने लगा कि यहाँ रह रहे लोगों को अपने अमूल्य जीवन को बचाने के लिए यहाँ की अपनी रोजी-रोटी और नौकरी को छोड़कर अपने उन वीरान गाँवों में जाना ही पड़ेगा,जिन्हें वर्षों पहले छोड़कर हम यहाँ आ गये थे। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आ भी गई कि दिल्ली के 40 प्रतिशत लोग इस बात पर गंभीरतापूर्वक विचार कर भी रहे हैं ।
विभिन्न समाचार माध्यमों से आ रही खबरों के अनुसार हमारा पड़ोसी देश चीन भी अभी कुछ वर्षों पूर्व तक भयंकर प्रदूषण से बहुत ही परेशान था, वहाँ के प्रदूषण का आलम ये था कि वहाँ के 90 प्रतिशत शहरों के लोग प्रतिदिन 21सिगरेटों से निकलने वाले बिषाक्त धुँएं के बराबर प्रदूषित हवा को पी जाते थे,लेकिन वहाँ के लोगों और वहाँ के समाज के अपूर्व निष्ठा,कर्मठता,कर्तव्यपरायणता व दृढ निश्चय तथा सहयोग करने की अदम्य इच्छा शक्ति तथा वहाँ की सरकार की इस दिशा में किए गये सार्थक पहल ने आज वहाँ के शहरों के प्रदूषण को 50 प्रतिशत तक कम कर दिया है।
चीन की जनता और सरकार मिल-जुलकर प्रदूषण से निपटने के लिए सबसे पहले उन्होंने अपने देश में प्राइवेट लाखों कारों व निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक वाहनों यथा इलेक्ट्रिक या नेचुरल गैस चालित बसों, ट्रामों, मेट्रो और रेलों का अधिकाधिक प्रयोग करने लगे, लाखों पुरानी खटारा ट्रकों, बसों, टैक्सियों आदि को जो पेट्रोल या डीजल से चलती थीं और खूब प्रदूषण फैलातीं थीं, उनको अपनी सड़कों से हटाया, बिजिंग जैसे शहरों में ठंड के दिनों में घरों को गर्म करने के लिए 40 लाख घरों,स्कूलों, अस्पतालों और ऑफिसों में कोयला आधारित चूल्हों को एक ही झटके में बन्द कर, उनकी जगह तुरन्त गैस या बिजली से चलने वाले हीटर की व्यवस्था कर दिया,कोयले से चलने वाली फैक्ट्रियों को या तो दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में भेज दिया गया या बन्द कर दिया गया, उदाहरणार्थ एक अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाली थर्मलपॉवर आधारित मोटरपार्ट बनाने वाली जर्मन कंपनी का लाइसेंस ही रद्द कर दिया गया।उन वीरान सीमाओं पर जहाँ युद्ध की गतिविधियां न के बराबर हैं, वहाँ 60 हजार सैनिकों को 84 हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में वृक्षारोपण करके,उन्हें पालपोसकर बड़ा करने की जिम्मेदारी दे दी गई है।
वायुप्रदूषण और स्मॉग से निबटने के चीन का दुनिया में सबसे विशाल और अद्भुत प्रोजेक्ट 2015 में शुरू किया गया। यह दुनिया का अब तक का एक सबसे बड़ा लगभग 330 फुट ऊँचा, विशाल, सौर उर्जा से चलने वाला एयरप्यूरी फायर टॉवर है जो मात्र दो सालों में 2017 में बनकर पूर्णतया तैयार है, जो प्रतिदिन एक करोड़ लीटर हवा को एकदम साफ कर देता है। यह अपने आसपास के दस किलोमीटर के दायरे में हवा को एकदम शुद्ध करने के अतिरिक्त हवा से 15 से 20 प्रतिशत स्मॉग को भी कम कर देता है। समाचार है कि निकट भविष्य में चीन ऐसा ही लेकिन इससे बहुत बड़ा 500 मीटर { मतलब 1640 फीट } ऊँचा सौरचालित मेगा एयरप्यूरीफायर टॉवर बनाने के प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रहा है,जो 30 मील तक की परिधि की प्रदूषण युक्त बिषाक्त हवा को परिशुद्ध करेगा।
चीन में जहाँ सन् 2015 के पूर्व पाँच लाख तक लोग प्रदूषण की वजह से प्रतिवर्ष मौत के मुँह में चले जाते थे,वही बिजिंग जैसे शहरों में अब आकाश बिल्कुल साफ और नीला सूर्य के प्रकाश में दमकने लगा है। चीन में पर्यावरण सुधार के लिए जो संस्था बनाई गई है,वह किसी को भी उसके बनाए नियमों को तोड़ने पर उसके ख़िलाफ़ कठोरतम् दण्ड देने से नहीं हिचकती,चाहे वह कितना भी उच्च पदस्थ व्यक्ति ही क्यों न हो ! हमारे दिल्ली जैसे नहीं कि दिल्ली सरकार द्वारा यहाँ के भयंकरतम् प्रदूषण कम करने के लिए आड-इवेन नंबर अपनाकर प्रदूषण कुछ ही सही कम करने के एक सद् प्रयास को कुछ छुद्रबुद्धि विपक्षी छुटभैये नेता उसके बनाए नियम को तोड़ने में अपनी सारी उर्जा लगा दे रहे हैं,आखिर ये विकृत सोच वाले लोग जनता को और देश को क्या संदेश देना चाहते हैं ? ‘काश ! ऐसे लोगों को कुछ सद् बुद्धि आए । ‘

क्या हम भी प्रदूषण के लिए अपने अन्नदाताओं को, जिनके खेतों में उपजाए अन्न से अपनी भूख मिटाते हैं, पराली के बहाने उन पर, इस देश में होने वाले सभी प्रकार के प्रदूषण से अपनी आँख बन्दकर,चुराकर अपने अन्नदाताओं के सिर पर प्रदूषण का सारा ठिकरा न फोड़कर इमानदारी से प्रदूषण नियंत्रित करने हेतु चीन जैसे देश से कुछ सबक लेंगे ! हम व्यर्थ के प्रोजेक्ट्स यथा कुंभमेले, हिमालय मेंआलवेदर ओपेन रोड और बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में अरबो-खरबों रूपये बरबाद करने की जगह,क्या हम दुनियाभर में सर्वाधिक बिषाक्त और प्रदूषित अपने 15 शहरों में इससे मुक्ति हेतु मन्दिर-मस्जिद मुद्दे को कुछ दिन के लिए ठंडे बस्ते में डालकर अपने सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की जनता की कुछ राहत के लिए उन शहरों में एक-एक प्रदूषण नियंत्रित करने वाले एयर प्यूरीफायर टॉवर नहीं खड़े कर सकते ! काश ! ऐसी सोच हमारी भी बने,तो निश्चय ही हम, हमारे समाज के करोड़ों लोगों का शरीर स्वस्थ्य, सुखी और निरोगी रहे।

— निर्मल कुमार शर्मा

*निर्मल कुमार शर्मा

"गौरैया संरक्षण" ,"पर्यावरण संरक्षण ", "गरीब बच्चों के स्कू्ल में निःशुल्क शिक्षण" ,"वृक्षारोपण" ,"छत पर बागवानी", " समाचार पत्रों एवंम् पत्रिकाओं में ,स्वतंत्र लेखन" , "पर्यावरण पर नाट्य लेखन,निर्देशन एवम् उनका मंचन " जी-181-ए , एच.आई.जी.फ्लैट्स, डबल स्टोरी , सेक्टर-11, प्रताप विहार , गाजियाबाद , (उ0 प्र0) पिन नं 201009 मोबाईल नम्बर 9910629632 ई मेल [email protected]