कविता

“आत्म निर्णय”

“आत्म निर्णय”

जिंदगी के धूप-छांव में

गिरते-पड़ते
उठते-सम्भलते
बढ़ते रहे
रुके नहीं
क्योंकि जो भी हो
जिंदगी खूबसूरत है
हाँ!
वक़्त के साथ
सोच बदले
विचार बदले
पर नहीं बदली तो
सबके लिए सोचने,
मन की बात बोलने
की जन्मजात फितरत,
बदलना ही होगा अब
सीखना ही होगा
दफन करना
मन के कोने में
बनाकर एक कब्रिस्तान!
एहसासों को, अरमानों को

कविता सिंह

पति - श्री योगेश सिंह माता - श्रीमति कलावती सिंह पिता - श्री शैलेन्द्र सिंह जन्मतिथि - 2 जुलाई शिक्षा - एम. ए. हिंदी एवं राजनीति विज्ञान, बी. एड. व्यवसाय - डायरेक्टर ( समीक्षा कोचिंग) अभिरूचि - शिक्षण, लेखन एव समाज सेवा संयोजन - बनारसिया mail id : [email protected]