“आत्म निर्णय”
“आत्म निर्णय”
जिंदगी के धूप-छांव में
गिरते-पड़ते
उठते-सम्भलते
बढ़ते रहे
रुके नहीं
क्योंकि जो भी हो
जिंदगी खूबसूरत है
हाँ!
वक़्त के साथ
सोच बदले
विचार बदले
पर नहीं बदली तो
सबके लिए सोचने,
मन की बात बोलने
की जन्मजात फितरत,
बदलना ही होगा अब
सीखना ही होगा
दफन करना
मन के कोने में
बनाकर एक कब्रिस्तान!
एहसासों को, अरमानों को