बाल कविता

प्यारे बच्चे

आँख मूंदकर सोते बच्चे,
प्यारे बच्चे दुलारे बच्चे।
सूरज ताऊ सर पर आये,
बच्चे पडे़ फिर भी अलसाये।
उठ कर जल्दी चलो स्कूल,
बागों में देखो खिल गये फूल।
बिस्तर का मोह त्यागो बच्चे,
सुंदर सुंदर प्यारे अच्छे बच्चे।
बज गई है स्कूल की घंटी,
अब तक तुमको लगती ठंडी।
उठो सुबह की धूप ले लो,
बिस्कुट खा लो दूध पी लो।
जिद ना करो अब प्यारे बच्चे,
अच्छे अच्छे राज दुलारे बच्चे।

आयुष त्रिपाठी
भोपाल मध्य प्रदेश

आयुष त्रिपाठी

भोपाल मध्य प्रदेश