बाल कविता

जंगल की सर्दियां

ठिठुरन बढ़ गयी भालू मामा,
सर्दियां देखो फिर से आई।
छोटी सी ये चिड़िया तुम्हारी,
ठंड से बहुत ही कपकपाई।।

बहुत बड़ा घर है तुम्हारा मामा,
इसलिए मैं मामा घर आयी।
अपने पास ही रख लो मामा,
घोंसले में,मैं ठंड से ना बच पायी।।

भालू मामा ने चिड़िया को प्यार
से फिर गोद मे अपनी उठाया।
स्वागत है तुम्हारा चिड़िया रानी,
सर्दी से तुम ना घबराना , बहुत
बड़ा घर मेरा तुम यहाँ आ जाना।।

अबकी सर्दी मामा भांजी साथ मे
नाचेंगे और जमकर धूम मचाएंगे।
गुफानुमा घर है मेरा,घर के अंदर
रहकर ही खूब धूम मचाएंगे।।

नीरज त्यागी

पिता का नाम - श्री आनंद कुमार त्यागी माता का नाम - स्व.श्रीमती राज बाला त्यागी ई मेल आईडी- neerajtya@yahoo.in एवं neerajtyagi262@gmail.com ग़ाज़ियाबाद (उ. प्र)