कविता

तन्हाई

अकेलेपन की आहट से मन जरा सा घबराया,
किसके साथ गुजारूं शाम जब खयाल आया।

सन्नाटा दबे पांव आकर कानों में कुछ बुदबुदाया,
भटकती आंखों को कहीं न कोई भी नजर आया।

खाली कमरे में गूंज उठी सिसकियां मेरी,
तेरा ख्याल आते ही जब जी मेरा भर आया।

ये मालूम है कि कद्र नहीं मेरे प्यार की तुझको,
न जाने फिर भी क्यों तेरी बातों पर एतबार आया।

यूं तो अब इंतजार की कोई वजह ही नहीं बाकी,
जाने क्यों फिर भी बंद आंखों में तेरा ख्वाब आया।

— कल्पना सिंह

*कल्पना सिंह

Address: 16/1498,'chandranarayanam' Behind Pawar Gas Godown, Adarsh Nagar, Bara ,Rewa (M.P.) Pin number: 486001 Mobile number: 9893956115 E mail address: [email protected]