कविता

मेरी बहन

परियों के देश से आई
मेरी बहन।
चांद सितारों को साथ लाई
मेरी बहन।
घर में ढेरों खुशियां लाई
मेरी बहन।
हंसती है मुस्काती है
तो फूलों के जैसे खिल जाती है
मेरी बहन।
जब रोती है तो
लाल गुलाब जैसी हो जाती है
मेरी बहन।
रोज़ लड़ती,रोज़ झगड़ती
पर रूठ जाऊ तो
मुझको मना भी लेती है
मेरी बहन।
कभी मुझे हंसाती है
कभी रुलाती है,कभी सताती है
मेरी बहन।
जैसी भी है मेरी जैसी है
बहुत प्यारी है
मेरी बहन।

— राजीव डोगरा

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- [email protected] M- 9876777233