भौतिक सत्ता
जिंदगी जोंक सीरक्त पान कर रही है।मौत के नगर मेंजिंदगी से खिलवाड़ कर रही है।काले उजले दिन मेंदेश का गणतंत्रसुखे
Read Moreजिंदगी जोंक सीरक्त पान कर रही है।मौत के नगर मेंजिंदगी से खिलवाड़ कर रही है।काले उजले दिन मेंदेश का गणतंत्रसुखे
Read Moreसदियों का संतापअब ठहर सा गया है।घरौंदो से निकल करआधुनिकता की दहलीज़ परबह सा गया है।तराशा हुआ आदमीमहानगर की गुलामगिरी
Read Moreविश्व के प्रथम अंतर्राष्ट्रीय इंटर्नशिप विश्वविद्यालय – IIU ने कांगड़ा हिमाचल प्रदेश के राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गाहलियां में
Read Moreऐयाश मुर्दो सा जीवन जीते होन हंसते हो न रोते हो।मूक जीवन की सत्ता परगुंगे बन तुमबहरों की तरह फिरते
Read Moreआजाद हुए हम गौरो सेमगर अभी नही हुए औरों से।जीत चुके हैं हम औरों सेमगर हारे हुए हैंअभी अपने विचारों
Read Moreरौनियार सेवा समिति, जनकपुर धाम,नेपाल तथा भारत टाइम्स (वर्ल्डवाइड मैगज़ीन) ने कांगड़ा हिमाचल प्रदेश के युवा कवि लेखक डाँ. राजीव
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