अटकाव
ताबीज तब ही काम आते हैं जब बोलने की तमीज हो। वक्त तब ही काम आता है जब वक्त की
Read Moreहिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा गांव जनयानकड़ के रहने वाले युवा कवि लेखक डाँ. राजीव डोगरा की पहली किताब ‘अनकहे
Read Moreआजकल बदलने लगे हैतेरे अल्फाजतेरे शहर के मौसम के तरह। आजकल बदलने लगा हैतेरा अंदाजगिरगिट के रंग की तरह। आजकल
Read Moreअज्ज कल बदलना लग्गियांतेरियां गल्लांतेरे शहरे दे मौसमे सैंई। अज्ज कल बदलना लग्गा।तेरा अंदाजगिरगिटे दे रंगे सैंई। अज्ज कल बदलना
Read Moreमुझे वो पगडंडियोंअब दिखती नहींजिन पर मैं चला करता था। मुझे वो आम के बाग अब नहीं मिलतेजिन्हें देख न्नहे फूल
Read Moreधूप में झरता हुआ आदमी छाया में झूलस रहा है। हवा में बहता हुआ आदमी तूफानों से डर रहा है।
Read Moreसचिन कुमार जिन्हें हम सब सचिन सकलानी के नाम से जानते और पहचानते हैं। जिनका सामाजिक क्षेत्र में लगाव बचपन
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