जीवांत जीवन
बढो़ गए जीवन में तोउड़ते रहो गएजीवांत पक्षी की तरहनहीं तो टूट करबिखर जाओगीकिसी शाख केमुझराये पते की तरह। जीवांत
Read Moreबढो़ गए जीवन में तोउड़ते रहो गएजीवांत पक्षी की तरहनहीं तो टूट करबिखर जाओगीकिसी शाख केमुझराये पते की तरह। जीवांत
Read Moreबिकती है जब निगाहें तेरीतो झुकता हैशहर सारा,फिरता हूँ जब गम-ए-आरजू लिएतो बहता हैमेरा दर्द सारा,चलता है जब हुस्न-ऐ-बाजारमचलता देखशहर
Read Moreहम ढूढ़ते रह गएउनको हर निग़ाह में,पर वो तो खो ही गएओर किसी की बाहों में। हम ने तो हमेशा
Read Moreकांगड़ा,हिमाचल प्रदेश. सत्यइंदिरा फाउंडेशन-SSIF जयपुर जो की शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल कल्याण और धर्म, जाति और समाज के भेदभाव
Read Moreकांगड़ा,हिमाचल प्रदेश राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गाहलियां (कांगड़ा,हिमाचल प्रदेश) के हिंदी अध्यापक तथा युवा कवि लेखक डॉ. राजीव डोगरा
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