कविता

3 दिसम्बर विकलांग दिवस पर

हिम्मत से जंग जीत सकते हैं
हिम्मत हो तो हम,
हर जंग जीत सकते हैं।
चाहे हो दिव्यांग भी,
हिमालय का मस्तक चूम सकते हैं।
रोक सकती नहीं है हमें,
कोई भी वाधा,
हम में है दम इतना,
हर रास्ता बदल सकते हैं।
क्या हुआ जो आज हमें,
भगवान ने हम से कोई अंग छीन लिया।
शक्ति इतनी है हममें,
हवाओं का रुख बदल सकते हैं।
हमको ना कमजोर समझो तुम,
हम दुश्मनों से लड़ सकते हैं।
हे मजबूत इरादा हममें,
धरती मां की चुनरी कर सकते हैं।
कोई भी बाधा हमें,
डिगा सकती नहीं।
हम रोते हुए लोगों में,
प्यार भर सकते हैं।।
— गरिमा

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384