मेरा देश
मेरे देश की अनमोल बातें ,
मुझको याद दिलाती हैं ।
मैं हूँ पहले एक इंसान ,
मर्यादा यही सिखाती है ।
गाय हमारी पूजनीय माता ,
श्रद्धा से .. गहरा नाता है
दूध देकर पितरों को भी ,
सहज मुक्ति दिलाती है ।
मंदिर मस्जिद एक बनाकर,
सबको ज्ञान का पाठ दिया ।
सभी धर्मों से हमें मिलाकर ,
प्यार ही सच्चा धर्म बताती है ।
दींन दुखियों की सेवा से
ईश्वर भी मिल जाते हैं ।
मानव सेवा सच्ची सेवा ,
संस्कृति यही बताती है ।
माँ हमारी पहली गुरु है
घर ही पहली पाठशाला ,
इंसान बने हम नेक सदा
हर दिन यही समझाती है ।
घर छोड़ा परिवार छोड़ा ,
सीमा पर हर पल रहते तैयार
देश की सेवा सच्ची सेवा ,
सच से हमें मिलाती है ।
मिट गए हजारों वीर यहाँ
देश की शान बचाने को ।
कफन से उठती चीत्कार
फिर भी हिम्मत दिलाती है ।
देश हमारा जग से निराला ,
नक्शे में दिखता है प्यारा ।
न झुके कभी न झुकने देंगे ,
शहीदों की चिता समझाती है ।
चाहे जाओ तुम अमेरिका ।
या कनाडा की गलियों में ।
सौंधी मिट्टी की अजब महक
अपने वतन की याद दिलाती है ।
— वर्षा वार्ष्णेय, अलीगढ़